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उफ़ तेरा हुस्न

देख कर लोग मेरे साथ में जल जाते है
हम कभी साथ में तनहा जो निकल जाते है

याद आये मेरी तस्वीर लगाना दिल से
देख तस्वीर तेरी हम भी बहल जाते है

तू में खाई है कसम साथ निभाना होगा
करके वादे को सभी लोग बदल जाते है

होके दीवाना मैं गलियों में फिरा करता हू
वह कभी सज संवर के जो निकल जाते है

है उन्हें नाज़ जवानी पे ये मगर ए अलीम
देखकर हमको सभी लोग अहल जाते है

aap kabhi bhi hume yaad kar sakte hai kyuki kuch dino ke liye aapse sabhi mafi chahta hu
ki ghazal likh nahi pauga yeh kah sakte hai online nahi apaunga agar aap koi baat karna chahate hai dial kare
07860734546,9307755423

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Comment by satish mapatpuri on May 24, 2010 at 4:35pm
देख कर लोग मेरे साथ में जल जाते है
हम कभी साथ में तनहा जो निकल जाते है
याद आये मेरी तस्वीर लगाना दिल से
देख तस्वीर तेरी हम भी बहल जाते है

अलीम साहेब,बहुत खूब.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 23, 2010 at 10:18am
waah aleem bhai waah , gardaa udaa diyey hai, jai hoooo, aur jaldi laut kar aaiyey, ham sabko aapka intjaar hai,
Comment by Admin on May 23, 2010 at 10:12am
देख कर लोग मेरे साथ में जल जाते है
हम कभी साथ में तनहा जो निकल जाते है,

वाह अलीम जी वाह , कुछ तो खाश है आपमे जो ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को आपकी रचनाओ का बड़ी बेसब्री से इन्तजार रहता है, ये ग़ज़ल भी काफ़ी उम्द्दा ग़ज़ल है, "हम कभी साथ में तनहा जो निकल जाते है" साथ भी और तनहा भी ये combination थोडा अलग तरीके का लग रहा है, बहुत बढ़िया , लगे रहिये अच्छा लिख रहे है,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 22, 2010 at 11:58pm
देख कर लोग मेरे साथ में जल जाते है
हम कभी साथ में तनहा जो निकल जाते है
waah bhai waah....lage rahiye.......aur jara jaldi aaiyega fir se humlogo ke beech...
Comment by Biresh kumar on May 22, 2010 at 11:31pm
है उन्हें नाज़ जवानी पे ये मगर ए अलीम
देखकर हमको सभी लोग अहल जाते है
apki kavita padh kar humsab bhi ahal jaate hai!!!
Comment by Ratnesh Raman Pathak on May 22, 2010 at 9:56pm
wah aleem jee apne to chand dino me hi obo pariwar ka dil jeet liya.
jate-jate aapne aisa gajal chod diya hai is munch par jo aapke aane tak apko yaad karne ke liye kaafi hai.................bahut bahut dhanyawad.
ek gujaris hai meri ...........

aapka ek bhai-------RATNESH RAMAN PATHAK

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