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तुम्हीं से सुबहें, तुम्हीं से शामें,

तुम्हीं से सुबहें, तुम्हीं से शामें,
हर एक लम्हा, तुम्हारी बातें,
हैं साथ मेरे, हर एक पल में
तुम्हारी यादें, तुम्हारी बातें I

मेरी निगाहों में तेरा चेहरा,
ये दिल और धड़कन हैं संग जैसे,
तू संग चलता है ऐसे मेरे,
है चलता ये आसमाँ संग जैसे I

हूँ भीगा मैं ऐसे तेरी खुश्बुओं से,
हो बादल कोई डूबा बूँदों में जैसे,
यूँ छाया तेरा इश्क़ है मेरे दिल पे,
हो सिमटी कोई झील धुन्धों में जैसे I

तुझ ही में पाया मैंने ख़ुदा को,
ख़ुदा से माँगूँ अपने ख़ुदा को...
ख़ुदा से माँगूँ अपने ख़ुदा को...

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Comment

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Comment by Veerendra Jain on November 14, 2010 at 5:41pm
Singh sahab, Navin ji aur Ashish bhai...bahut bahut aabhar...
Comment by आशीष यादव on November 13, 2010 at 7:25pm
waah

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 13, 2010 at 2:10pm
वीरेंद्र भाई
बहुत खूब.......
ख़ुदा से माँगूँ अपने ख़ुदा को...

कृपया ध्यान दे...

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