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"परमवीर चक्र"

लहूलुहान
मांस के लोथड़ों को
देखने वालों की
रूह कांप उठी
पत्नी माँ बाप
बच्चे पत्थर हो गए
उन पत्थरों को
पिघलाने को
छिड़का गया है
पेट्रोल
जिससे जल गया है
चंद चीखती
बंदूकों की सलामी
के उपरान्त
तिरंगे से लिपटा
स्थूल शरीर
और लटक गया
उनके लटके चेहरों में
चमचमाता हुआ
परमवीर चक्र
"आज़ादी"
 
नंग धुडंग
जिस्म लिए
आँखों में
बेहयाई लिए
जिस्म में
तिरंगे के
टेटू लगाये
दर बदर
फिर रही है
जिंदाबाद के
नारे लगाते
आज़ादी
भारत की आज़ादी
हिन्दुस्तान की आज़ादी
"शहीद "

आँखों में लहू भरे
माँ भारती की रक्षा के लिए
हाथों में सस्त्र लिए
खून की मांग करते
खून से तिलक करते
अधिकारों को छीन लेने
तत्पर
हुंकार भरे
अंगार भरे
दुश्मनों के काल
से दिखते
वो वीर
माँ भारती के वीर
हँसते हँसते फंदों को
चूमते
माँ भारती के गीतों में
झूमते
कौन थे ???
शहीद या आतंकी


संदीप पटेल "दीप"

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Comment

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Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 16, 2012 at 11:23am

आदरणीय उमाशंकर सर जी सादर नमन
आपकी प्रतिक्रिया पाकर मन उत्साहित हुआ
और भी तीक्ष्ण लेखन के लिए मनोबल बढ़ा है
आपका स्नेह और आशीष अनुज पर बनाये रखिये
आपका सादर आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 16, 2012 at 11:21am

आदरणीय अम्बरीश सर  जी  सादर  नमन
सच तो ये है कि इसका उत्तर देने में  वो यदि समर्थ होते तो ये प्रश्न होता ही क्यूँ
आपकी सराहना   पा कर मन प्रसन्न हो गया
अनुज   पर  ये स्नेह  सदा  बनाये रखिये
आपका बहुत बहुत शुक्रिया  सहित  सादर आभार
 

Comment by UMASHANKER MISHRA on August 15, 2012 at 9:57pm

प्रिय संदीप आज तो हमारा नमन ही नमन है

आपकी सोच को सलाम ...बहेतरीन शब्द बेशब्द हो गये

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 10:27pm

//माँ भारती के वीर
हँसते हँसते फंदों को
चूमते
माँ भारती के गीतों में
झूमते
कौन थे ???
शहीद या आतंकी//

वाह संदीप जी वाह ! क्या प्रश्न किया है आपने ! इस देश में रहने वाले सुविधाभोगी व स्वार्थलोलुपता के पुजारी इस प्रश्न का उत्तर क्या कभी दे भी सकेंगे ?

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