For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देशगीत (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)

जो कह गए शहीद, चलो उसको दुहराएँ |
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||

है दिन जिसको वीर, जीत कर के लाए थे,
चट्टानों को चीर, मौत से टकराए थे |
कर लें उनको याद, जिन्होंने शीश कटाए,
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||

नहीं सुगम था मार्ग, बिछे मिलते थे काँटे,
कैसे-कैसे दुःख, आर्यपुत्रों ने बाँटे |
अपना वो इतिहास, कभी भी हम न भुलाएँ,
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||

सावरकर, आजाद, भगत सिंह जैसे बेटे,
भारत माँ के नाम, बर्फ पर नंगे लेटे |
न मानी हार मगर, दुश्मन को हरा आए,
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||

गुँजित है आज गगन, भारत की हुँकारों से,
हुई थी शुरुआत, क्रांतिकारी नारों से |
अपना है अब काम, और आगे ले जाएँ,
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||

Views: 715

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 15, 2012 at 7:25pm

आदरणीय सौरभ सर, आपका हार्दिक आभार......आपको और समस्त ओ बी ओ परिवार को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ | वन्दे मातरम |

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 15, 2012 at 7:23pm

अलबेला भैया, गीत को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार......स्वतंत्रता दिवस की बधाई......जय हिन्द

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 15, 2012 at 7:22pm

आदरणीय संजय यादव जी..........आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ |

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 15, 2012 at 7:20pm

आदरणीय आलोक जी....आपका हार्दिक आभार और स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 15, 2012 at 6:01pm

जो कह गए शहीद, चलो उसको दुहराएँ |
आजादी का पर्व, आओ मिलकर मनाएँ ||.... .  

आपको भी स्वातंत्र्य दिवस की शुभकामनाएँ

Comment by Albela Khatri on August 15, 2012 at 2:40pm
वाह वाह
जय हिन्द !
Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 15, 2012 at 1:17pm

धन्यवाद कुमार गौरव अजीतेन्दु जी........!!

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ,
वतन पर मर मिटने वालो को याद कर
आओ हम अपनी आँखे नम कर ले !!
जो खुद अपनी लहू से लिख चले अमर कहानी
आओ याद उन्हें हम का ले ...............!!!

Comment by ALOK KUMAR SINGH on August 15, 2012 at 12:52pm

आओ मिलकर मनाएँ आजादी का ६६वां पर्व

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service