For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या मीडिया की नकारात्मक सोच व्यापारिक आवश्कता है?

हमारा मीडिया, पिछले कुछ दिनों को छोड़कर, नकारात्मक भूमिका में ही दिखता रहा है. समाज में बहुत कुछ अच्छा भी हो रहा है पर उसके लिए पांच मिनट भी नहीं देते या पांच पंक्तियाँ भी नहीं लिखते ये लोग. वहीँ सनसनीखेज वारदातों के लिए बाकायदा प्रोग्राम दिखाते हैं. क्या यह इनकी व्यापारिक बाध्यता है? कामनवेल्थ की तैयारियों में इन्हें टूटी छत दिखी, गंदे बाथ रूम दिखे पर ये भव्यता नहीं दिखी जो चित्रों में दिख रही है.

Views: 1004

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय शेषधर तिवारी जी, सबसे पहले तो मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ जो यह मुद्दा ओपन बुक्स ऑनलाइन के ओपन मंच से आपने उठाया है,
कहा जाता है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, पर यदि सत्य पूछा जाय तो राष्ट्र मंडल खेलो को लेकर मीडिया कि भूमिका बहुत ही नकरात्मक रही है, जिस तरह से तैयारी कि खामियों को लेकर हो हल्ला मीडिया वालों ने उठाया था, विदेशी मेहमानों का डर जाना स्वाभाविक था, कुछ दिनों पहले एक न्यूज़ चैनल पर स्टेडियम के बाहर फेका गया कूड़ा करकट और उसके पास घुमते कुत्ते को जिस अंदाज मे दिखाया जा रहा था जैसे बहुत ही सनसनी खेज कोई मुद्दा हो, जबकि निर्माण के बाद कूड़ा, साफ़ सफाई एक प्रक्रिया है जो अंत मे सम्पादित किया जाता है, आज खेल गाँव की तारीफ़ विदेशी मेहमान भी कर रहे है |
ऐसा नहीं है कि मीडिया की नकरात्मक सोच व्यावसायिक आवश्यकता है पर सबसे तेज कहलाने के चक्कर मे मीडिया वाले अपने कर्त्तव्य को भूलते जा रहे हैं |
राष्ट्र मंडल खेलों का रंग रंग और भव्य उदघाटन नकारात्मक सोच वालों के मुंह पर करारा तमाचा हैं |
तिवारी जी वाकई में यह नहीं होना चाहिए मीडिया में ,की हर चीजो को साफ़-साफ़ रखे.कहा जाता है की मीडिया देश की सबसे बड़ी सरकार है और स्वतंत्र भी ,लेकिन इस स्वतंत्रता का गलत फायदा नही उठाना चाहिए मीडिया को मैं यह भी मानता हु.लेकिन क्या आप मुझे यह बताएँगे की अगर मीडिया राष्ट्रमंडल khel की आँखों की किरकिरी नहीं बनी होती तो आजतक जितने भी घोटाले ,गड़बडिया,और सड़क धसने की जो घटनाये अब तक उजागर हुई है वो हमारे और आपके सामने आई होती .रही बात गंदे बाथरूम दिखाने की तो मेरे समझ से वो भी ठीक है ,क्योकि वो गन्दा बाथरूम अगर मीडिया के द्वारा नहीं दिखाया जाता तो सायद अबतक वो गन्दा ही रहता ,और यदि वो साफ़ हुआ तो हमें मीडिया को धन्यवाद् देना चाहिए ,क्योकि उसका सारा श्रेय उस टी.बी चैनल वालो को ही जाती है.आप और हम अपने देश के स्य्स्यतेम से भली भाती परिचित है .मान्यवर , जैसे जैसे रह्स्त्रमंडल खेल का तारीख नज़दीक आते गया वैसे वैसे एक से एक खामिया पैदा होती गयी.कभी इस इलाका का सड़क धस गया तो कभी उस इलाका का सड़क धस गया ,लेकिन इसके बावजूद भी हमारी केंद्र सरकार अनभिज्ञ रही और दिल्ली सरकार तो पहले से ही दूर रही है .जब बात भारत के प्रतिष्ठा को खरोच लगने तक पहुच गयी तब आनन् फानन में माननीय प्रधानमंत्री ने दिलचस्पी लिया ,तो क्या इसमें मीडिया की भूमिका अहम् और सराहनीय नहीं है ?ऐसी बात नहीं है की भारत सरकार को एक या २ महीने पहले इस बात का पता लगा हो की भारत में राष्ट्रमंडल खेल आयोजित होने वाला है जिसकी वजह से अभी तक तैयारिया पूरी नहीं हुई.
अगर इस पुरे मसले को देखा जाये तो परिणाम यही निकलता है की अगर मीडिया रस्ज्त्रमंडल खेल के आँखों की किरकिरी नहीं बनी होती तो सायद ही इतनी तैयारीया पूरी होई होती .हम सब जानते है की इस खेल में कितने घोटाले हुए है ,लेकिन इन सब के बावजूद .........मीडिया मनो जैसे डंडे लेकर घोटालेबाजों के पीछे कड़ी हो और कह रही है की "ये पूरा नहीं हुआ ,ये बाकि है पूरा करो" क्योकि मसला हमारे देश के छवि का है .



रत्नेश रमण पाठक

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service