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Dr.Prachi Singh's Comments

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At 7:29pm on December 2, 2022, आचार्य शीलक राम said…

धन्यवाद आदरणीय

At 3:50pm on November 2, 2015, Ravi Shukla said…

आदरणीया प्राची जी नमस्‍कार

करवा चौथ का आपका गीत पढ़ कर कुछ मार्ग दर्शन की आकांक्षा है क्‍योंकि अपने पुराने लिखे गीतो पर फिर से काम कर रहे है ।

आपने अपने इस गीत में वर्ण को आधार बनाया है या मात्रा को

मात्रा के अनुसार है तो क्‍या गीतो में मात्रा गिरा कर पढ़ा जा सकता है जैसे उर्दू बह्र में छूट है

मात्रा गणना में कितनी छूट स्‍वीकार्य है

मैं पिया के हृदय में सदा ही रहूँ

2 1 2   2 1 11  2 1 1  2 1 2   ( 21 2 की चार आवृत्ति ) 20 मात्रा

वो ही सागर मेरे, मैं नदी सी बहूँ

2 2 2  1 1  2 2   2 1 2  2 1 2  ( मात्रा गिरा के पढ़ने से लय बन रही है ) 22 मात्रा

आशा है हम अपनी बात रख पाये है

आपका गीत बहुत ही सुन्‍दर है और प्रासंगिक होने से और भी अच्‍छा लगा है बधाई

यदि गीतो के बारे में कुछ जानकारी मंच में हो तो उसे बताये पढ़ने के बाद फिर संपर्क करेंगे छंद विधान मे छंद की जानकारी उपलब्‍ध है किन्‍तु उससे हमारी शंका का समाधान नहीं हो पा रहा ।

At 3:14pm on October 15, 2015, Sushil Sarna said…

आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना   .... प्रभु आपके जीवन के हर पल को खुशियों से भरपूर करे। 

At 12:14pm on October 15, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 7:46am on October 15, 2014, जितेन्द्र पस्टारिया said…

आदरणीया डा.प्राची जी, आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनायें.

सादर!

At 9:01pm on June 26, 2014, Santlal Karun said…

आदरणीया डॉ. प्राची जी,

'साथ जीने की सज़ा' पर आप की टिप्पणी से जिज्ञासा-वश मैं आप के ब्लॉग पर आया | अधिक तो न पढ़ सका, किन्तु 'सत्य पिरो लूँ' नवगीत के कथ्य तथा शिल्प दोनों के अनूठेपन में मन ऊभ-चूभ हो उठा | संवेदनाओं की वीणा-सी झंकृत इस सूक्ष्म भावों की हृदयस्पर्शी रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

At 8:49pm on June 15, 2014, mrs manjari pandey said…
आदरणीया साधुवाद . वस्तुतः विषय ज्वलंत है इसलिए तुरंत लिख कर मैंने बस आहुति में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई है . मै इन दिनों आस्ट्रेलिया आई हूँ बेटी के पास। नाती दिन भर तो कुछ करने नहीं देता। फिर भी आपने मेरा मान बढ़ाया है
At 2:39pm on March 16, 2014, Sushil Sarna said…

मेरी ओर से होली के पावन पर्व पर सपरिवार आप को होली की शुभकामनाएं। उस परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वो सदा आपके आँगन में खुशियों के रंग बिखेरता रहे।

सुशील सरना

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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