करवा चौथ का आपका गीत पढ़ कर कुछ मार्ग दर्शन की आकांक्षा है क्योंकि अपने पुराने लिखे गीतो पर फिर से काम कर रहे है ।
आपने अपने इस गीत में वर्ण को आधार बनाया है या मात्रा को
मात्रा के अनुसार है तो क्या गीतो में मात्रा गिरा कर पढ़ा जा सकता है जैसे उर्दू बह्र में छूट है
मात्रा गणना में कितनी छूट स्वीकार्य है
मैं पिया के हृदय में सदा ही रहूँ
2 1 2 2 1 11 2 1 1 2 1 2 ( 21 2 की चार आवृत्ति ) 20 मात्रा
वो ही सागर मेरे, मैं नदी सी बहूँ
2 2 2 1 1 2 2 2 1 2 2 1 2 ( मात्रा गिरा के पढ़ने से लय बन रही है ) 22 मात्रा
आशा है हम अपनी बात रख पाये है
आपका गीत बहुत ही सुन्दर है और प्रासंगिक होने से और भी अच्छा लगा है बधाई
यदि गीतो के बारे में कुछ जानकारी मंच में हो तो उसे बताये पढ़ने के बाद फिर संपर्क करेंगे छंद विधान मे छंद की जानकारी उपलब्ध है किन्तु उससे हमारी शंका का समाधान नहीं हो पा रहा ।
'साथ जीने की सज़ा' पर आप की टिप्पणी से जिज्ञासा-वश मैं आप के ब्लॉग पर आया | अधिक तो न पढ़ सका, किन्तु 'सत्य पिरो लूँ' नवगीत के कथ्य तथा शिल्प दोनों के अनूठेपन में मन ऊभ-चूभ हो उठा | संवेदनाओं की वीणा-सी झंकृत इस सूक्ष्म भावों की हृदयस्पर्शी रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !
आदरणीया साधुवाद . वस्तुतः विषय ज्वलंत है इसलिए तुरंत लिख कर मैंने बस आहुति में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई है . मै इन दिनों आस्ट्रेलिया आई हूँ बेटी के पास। नाती दिन भर तो कुछ करने नहीं देता। फिर भी आपने मेरा मान बढ़ाया है
मेरी ओर से होली के पावन पर्व पर सपरिवार आप को होली की शुभकामनाएं। उस परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वो सदा आपके आँगन में खुशियों के रंग बिखेरता रहे।
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Dr.Prachi Singh's Comments
Comment Wall (8 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
धन्यवाद आदरणीय
आदरणीया प्राची जी नमस्कार
करवा चौथ का आपका गीत पढ़ कर कुछ मार्ग दर्शन की आकांक्षा है क्योंकि अपने पुराने लिखे गीतो पर फिर से काम कर रहे है ।
आपने अपने इस गीत में वर्ण को आधार बनाया है या मात्रा को
मात्रा के अनुसार है तो क्या गीतो में मात्रा गिरा कर पढ़ा जा सकता है जैसे उर्दू बह्र में छूट है
मात्रा गणना में कितनी छूट स्वीकार्य है
मैं पिया के हृदय में सदा ही रहूँ
2 1 2 2 1 11 2 1 1 2 1 2 ( 21 2 की चार आवृत्ति ) 20 मात्रा
वो ही सागर मेरे, मैं नदी सी बहूँ
2 2 2 1 1 2 2 2 1 2 2 1 2 ( मात्रा गिरा के पढ़ने से लय बन रही है ) 22 मात्रा
आशा है हम अपनी बात रख पाये है
आपका गीत बहुत ही सुन्दर है और प्रासंगिक होने से और भी अच्छा लगा है बधाई
यदि गीतो के बारे में कुछ जानकारी मंच में हो तो उसे बताये पढ़ने के बाद फिर संपर्क करेंगे छंद विधान मे छंद की जानकारी उपलब्ध है किन्तु उससे हमारी शंका का समाधान नहीं हो पा रहा ।
आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना .... प्रभु आपके जीवन के हर पल को खुशियों से भरपूर करे।
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...
आदरणीया डा.प्राची जी, आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
सादर!
आदरणीया डॉ. प्राची जी,
'साथ जीने की सज़ा' पर आप की टिप्पणी से जिज्ञासा-वश मैं आप के ब्लॉग पर आया | अधिक तो न पढ़ सका, किन्तु 'सत्य पिरो लूँ' नवगीत के कथ्य तथा शिल्प दोनों के अनूठेपन में मन ऊभ-चूभ हो उठा | संवेदनाओं की वीणा-सी झंकृत इस सूक्ष्म भावों की हृदयस्पर्शी रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !
मेरी ओर से होली के पावन पर्व पर सपरिवार आप को होली की शुभकामनाएं। उस परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वो सदा आपके आँगन में खुशियों के रंग बिखेरता रहे।
सुशील सरना
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
मनहरण घनाक्षरी
दोहा षष्ठक. . . . आतंक
ग़ज़ल
एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
दोहा सप्तक. . . उल्फत
दोहा सप्तक. . . .तकदीर
दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
दोहे -रिश्ता
दोहा पंचक. . . . होली
दोहा सप्तक. . . .
दोहा पंचक. . . . . उमर
कुंडलिया. . .
दोहा दसक- गाँठ
दोहा सप्तक
दोहा पंचक. . . . .नवयुग
Latest Activity
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
प्रधान संपादकयोगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
सदस्य कार्यकारिणीशिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय