For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौन का,इम्तिहान न लो ..!!

नोंच डालो ,
अस्मिता को ,बेच डालो ,
हम यही कहते रहेंगे
मौन का ...
इम्तिहान न लो ..!!
सूरज से युद्ध 
करने का  दुस्साहस
करता जुगनू प्रतिदिन
आकाश बँधाता ढाढस
ज़ुल्म हम सहते रहेंगे ,
हम यही कहते रहेंगे
शौर्य का
अनुमान न लो ..!!
चीखती रह जाएँगीं
विधवा घाटियाँ
जर्जर सी छत की
छूट गईं लाठियाँ
प्रतीक्षारत ,आक्रमण का
अनुचित परिणाम न हो
हम यही कहते रहेंगे ,
हौसले का ,
अनुमान न लो ..!!
मौन का,इम्तिहान न लो ..!!

-भावना-

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 13, 2013 at 11:18am

सामयिक घटनाओं पर आपकी अच्छी पकड़ है, उन्ही घटनाओं से निकालकर यह कविता आपने बहुत ही खूबसूरती से प्रस्तुत की हैं, हम केवल कहते रहेंगे.....सहनशीलता का इम्तहान न लो, और वो कहेंगे...इम्तहान ही तो ले रहे हैं उत्तीर्ण होकर दिखाओं.....हमारे पास तो बहुत सहनशीलता बाकी है उत्तीर्ण तो हो ही जायेंगे |

इस खुबसूरत अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकार करें आदरणीया भावना तिवारी जी ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 11, 2013 at 12:55pm

नमस्कार
आप प्रतिक्रया सही जगह दे रही हैं
पर यदि हिंदी में देंगी तो अच्छा होगा.

Comment by भावना तिवारी on January 11, 2013 at 12:52pm

AADARNIYAN Dr.PRACHI JI ....HAMEN YAHAN PAR PRATIKRIY ADENA NAHIN AATA .....AAPKA BAHUT BAHUT SHUKRIYA ADAA KARTI HOON ...KYA PRATIKRIYA ISI COMMENT BOX MAIN LIKHIN JAATIN HAIN ..KRIPYAA AVGAT KARAIYEGA ....YAHAN KE NIYAMON AUR QAAYDON SEY POORI TARAH AWGAT NAHIN HAIN HAM ....!!  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 11, 2013 at 12:41pm

मौन की प्रचंड शक्ति की सशक्त अभिव्यक्ति डॉ. भावना जी, हार्दिक बधाई 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 10, 2013 at 3:41pm

आदरणीया भावना जी,

सादर 

सच ही कहा, बस अब और नहीं.

बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
54 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service