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                       ग़ज़ल

मेरी  मौत  के  बाद  मेरा  गम,  तुझको  बहुत सताएगा |
मेरे  दिल  का  ये  भोलापन,   तुझको   बहुत   रुलाएगा ||

आज  शरारत  मेरी  तुझको,  शायद  बोझिल  लगती हैं ,
कल   मेरी   ख़ामोशी   का   वो,   दर्द   तुझे   तड्पाएगा ||

तूने  मुझसे  जो  कुछ  चाहा,   शायद  मेरे  पास  न  था,
लेकिन फिर भी हमदम इतना कौन ? तुम्हे बहलायेगा ||

मैंने  कभी  न  चाहा  लेकिन,  गम  से  तेरा  साथ  रहा ,
कल  तेरा  वो  मीत  तेरे  ही  दिल  को  बहुत  जलाएगा ||

आज न तूने मुझको समझा, प्यार भरा दिल तोड़ दिया,
आज  का  तेरा  ये पागलपन,  कल इक आग लगाएगा ||

आज  तुझे  मुझसे  नफरत  है,  जाता  हूँ,   ये  वादा  है ,
आऊंगा  मैं,  कल  जब  तेरा,  दिल फिर मुझे  बुलाएगा ||


                                    रचनाकार - अभय दीपराज

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Comment by Bhasker Agrawal on December 11, 2010 at 6:45pm

तूने मुझसे जो कुछ चाहा शायद मेरे पास न था,
लेकिन फिर भी हमदम इतना कौन तुम्हे बहलायेगा ||...क्या खूब कहा अभय जी

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