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"हिन्दी दिवस पर विशेष" हिन्दी ग़ज़ल

कितनी प्यारी ये मनभावन हिन्दी है
भारत की वैचारिक धड़कन हिन्दी है

जो लिखता हूँ हिन्दी में ही लिखता हूँ
मेरी ख़ुशियों का घर आँगन हिन्दी है

रफ़ी, लता,मन्नाडे को तुम सुन लेना
इन सबकी भाषा और गायन हिन्दी है

भारत में कितनी हैं भाषाएँ लेकिन
सारी भाषाओँ का यौवन हिन्दी है

पहले मैं अक्सर उर्दू में लिखता था
अब तो मेरा सारा लेखन हिन्दी है

मुझको तो लगती है ये भाषा अपनी
लेकिन कुछ लोगों की उलझन हिन्दी है

गर्व करे हर भारतवासी ये बोले
मेरे देश की भाषा पावन हिन्दी है

औरों की तो बात "समर" मैं क्या बोलूँ
मेरे माथे का तो चंदन हिन्दी है

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:58pm

जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,मेरी ग़ज़ल पर आपकी समीक्षात्मक टिप्पणी ने कई बाब खोले, और सच्चाई से रूबरू करवाया,ये सच कहा आपने कि जज़्बात की धुन में कुछ अतिशयोक्ति अवश्य हुई है,जो आवश्यक थी ।

//यह अवश्य है, कि उत्साह में ओबीओ की परिपाटी के अनुसार समर भाई ग़ज़ल प्रस्तुति के साथ बहर की क्रमवार मात्रा आंकित नहीं कर पाये हैं। ख़ैर ऐसा एक बार मेरे साथ भी हो चुका है और समर भाई ने ही अगाह किया था। .. :-))) //

आपकी बात के जवाब में इतना अर्ज़ करना चाहूँगा कि ये उत्साह में भूल नहीं हुई है बल्कि एहतिजाज के तौर पर जान बूझ कर किया गया अमल है, इब्तिदा में आप ही के कहे अनुसार इस परिपाटी को हम ओबीओ  का नियम समझ बैठे थे और ओबीओ के दूसरे सदस्यों से भी ये आग्रह करते थे,लेकिन पिछले दिनों ओबीओ के संस्थापक जनाब गणेश जी "बाग़ी"साहिब ने मेरे इसी आग्रह पर ये जवाब दिया था कि ये ओबीओ का कोई नियम नहीं है,तो उसी दिन से मैंने अपनी ग़ज़ल के साथ अरकान लिखना छोड़ दिया कि जो अमल संस्थापक नहीं करते वो हम भी क्यों करें,हालाँकि इसका मुझे अफ़सोस ज़रूर है ।

ग़ज़ल में आपकी ये टिप्पणी भी मुझे मुख़ातिब करती नहीं बल्कि मंच को मुख़ातिब करती हुई प्रतीत हुई,ख़ैर !ग़ज़ल में आपकी शिर्कत ने ग़ज़ल को जो मान दिया है मैं उसके लिए तहे दिल से आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:21pm

जनाब निलेश 'नूर'साहिब आदाब,

//रफ़ी, लता,मन्नाडे को तुम सुन लेना... इस मिसरे को कई लोग बेबह्र बता सकते हैं... ऐसे लोग मीर को भी ग़लत बताते हैं //

मैं आपके कहने का आशय समझ गया:-)))))

सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:15pm

जनाब अजय तिवारी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:13pm

जनाब गंगा धर शर्मा जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:11pm

जनाब बृजेश जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:10pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:08pm

जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:07pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:05pm

जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2018 at 10:03pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

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