For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बैसाखी (लघुकथा)

"अरी भागवान  ! तुम इस तरह क्यूँ देख रही हो बेटे को ?"

" देख रही हूँ कहीं लडखडाया तो हम झट से सहारा दे देंगे ."

"क्या वाकई तुम्हे लगता है कि उसे तुम्हारे सहारे की जरूरत है ?"

 " शायद नहीं , बड़ा हो गया है  अब जीवन साथी भी  मिल गयी है ."

"हमने  अपना फ़र्ज़ पूरा किया ,अब उसे हमारे सहारे की जरूरत नहीं है .

 ,जीवन पथ पर चलना  सीखा दिया है हमने "

"पर अब हम असक्त हो गएँ हैं ,उसके प्यार की बैसाखी की जरूरत अब हमें है ."

@मौलिक व् अप्रकाशित 

Views: 683

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rita Gupta on June 4, 2015 at 10:55pm

धन्यवाद महर्षि जी ,उम्र के हर दौर में सबको एक दुसरे की सहारे की बैसाखी की जरूरत पड़ती है .

Comment by Rita Gupta on June 4, 2015 at 10:53pm

आभार  और हार्दिक धन्यवाद शुभ्रांशु जी ,आपको भाव पसंद आये .

Comment by Rita Gupta on June 4, 2015 at 10:51pm

आदरणीय  सरस जी ,आपने  रचना के भाव को बखूबी महसूस किया ,धन्यवाद .

Comment by Shubhranshu Pandey on June 4, 2015 at 8:36pm

आदरणीया रीता जी, 

सुन्दर भाव से लिखी गयी कथा. 

सादर.

Comment by maharshi tripathi on June 3, 2015 at 5:27pm

उसके प्यार की बैसाखी की जरूरत अब हमें है ."

अति सुन्दर ,,हार्दिक बधाई आ.Rita Gupta जी |

Comment by saras darbari on June 3, 2015 at 10:16am

 " शायद नहीं , बड़ा हो गया है  अब जीवन साथी भी  मिल गयी है ."

"हमने  अपना फ़र्ज़ पूरा किया ,अब उसे हमारे सहारे की जरूरत नहीं है .

आखिर  माँ का  दिल जो ठहरा ...आश्वासन में भी एक कसक है...

वा कसक पाठक तक बखूबी पहुँच गयी ...बधाई  Rita Gupta जी 

Comment by Rita Gupta on June 2, 2015 at 6:27pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ,शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद .मैं कोशिश करुँगी कि अपनी शिल्पगत कमियों को दूर  कर सकूँ ,आपकी  मार्गदर्शन की आकांक्षी हूँ .  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 2, 2015 at 12:50pm

लघुकथा की अंतर्दशा जिस भाव के साथ बहना चाहती है वह शिल्पगत कमियों के कारण स्पष्टता नहीं पा सकी है.
प्रयास आशान्वित करता है. हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by Rita Gupta on June 1, 2015 at 10:37pm

लघु कथा को अपना वक़्त और प्यार देने हेतू  आभार राजेश कुमारी जी और श्रीमान सुधीर द्विवेदी जी 

Comment by Sudhir Dwivedi on June 1, 2015 at 10:08pm

जीवन की संझा में अपनों के प्यार की बैसाखी की जरूरत होती ही है 

सुंदर प्र्स्तुतित के लिए बधाई आदरणीया रीता जी सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service