For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जहाँ प्यार के, खिलें कँवल (मनमोहन छंद)

मनमोहन छंद : लक्षण: जाति मानव, प्रति चरण मात्रा १४ मात्रा, यति ८-६, चरणांत लघु लघु लघु (नगण) होता है.

अब तक थी जो ,सुलभ डगर

आगे साथी,कठिन सफ़र 

सँभल-सँभल कर ,रखें कदम

साथ चलेंगे ,जब- जब  हम

 

सब काँटों को ,चुन-चुन कर

फूल बिछाएँ,पग-पग पर

आजा चुन लें ,राह नवल

 जहाँ प्यार के ,खिलें कँवल 

 

 फूल हँसेंगे ,खिल-खिलकर

 कष्ट सहेंगे, मिलजुलकर

 पथ का होगा, सही चयन

 सही दिशा में, रहें नयन

 

न्यारी दुनिया ,के पथ पर

नूतन सपनो ,के रथ पर

आओ साथी ,चलें उधर

अम्बर धरती ,मिले जिधर 

(मौलिक एवं अप्रकाशित ) 

 

Views: 679

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 1, 2014 at 8:28am

जी आ० सौरभ जी, आपकी सोच सही है बाल रचनाएँ और अच्छी लगेगीं इस छंद पर हार्दिक आभार. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 1, 2014 at 2:35am

ऐसे छन्दों का प्रयोग बाल-रचनाओं आदि के विकास में नहीं किया जा सकता ? हो तो उचित है.

यह मेरी सोच मात्र है.

सादर बधाइयाँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 28, 2014 at 6:08pm

प्रिय प्राची जी आपको छंद पसंद आया बहुत- बहुत आभारी हूँ .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 28, 2014 at 5:28pm

बहुत खूबसूरत छंद रचना आदरणीया राजेश जी 

आपने बहुत ही सुन्दर कथ्य को इस छंद में साधा है

आठ छः की यति पर बहुत ही सुन्दर प्रवाह बना है रचना में ...वाह! क्या कहने 

...लेकिन मुझे कथ्य के आतंरिक विन्यास और सुनियोजन में थोड़ा सा और समय देने की आवश्यकता लगी 

इया प्रस्तुति पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 20, 2014 at 8:59pm

आ० महेश्वरी कनेरी जी आपको छंद पसंद आया हार्दिक आभार आपका. 

Comment by Maheshwari Kaneri on April 20, 2014 at 7:41pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति..राजेश जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 20, 2014 at 11:16am

प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी, आपको ये छंद पसंद आया दिल से आभारी हूँ. 

Comment by ram shiromani pathak on April 20, 2014 at 10:56am

 बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया   ..........  हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 19, 2014 at 6:21pm

प्रिय अरुन ,आपको ये छंद पसंद आया मेरा लिखना कामयाब हुआ आपका हृदय तल से आभार. 

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 19, 2014 at 5:51pm

आदरणीय बहुत ही मधुर पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा शब्द चयन बहुत ही सुन्दर एक नए छंद से परिचय करवाने हेतु एवं इस सुन्दर छंद रचना हेतु बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service