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क्या तुम्हें उपहार दूँ : एक गीत (नीरज कुमार नीर)

क्या तुम्हें उपहार दूँ,

प्रिय प्रेम के प्रतिदान का.

 

तुम वसंत हो, अनुगामी

जिसका पर्णपात नहीं.

सुमन सुगंध सी संगिनी,

राग द्वेष की बात नहीं.

 

शब्द अपूर्ण वर्णन को

ईश्वर के वरदान का.

 

विकट ताप में अम्बुद री,

प्रशांत शीतल छांव सी,

तप्त मरू में दिख जाए,

हरियाली इक गाँव की.

 

कहो कैसे बखान करूँ

पूर्ण हुए अरमान का.

 

मैं पतंग तुम डोर प्रिय,

तुम बिन गगन अछूता है.

तुमसे बंधकर  जीवन

व्योम उत्कर्ष छूता है.

 

तुम ही कथाकार हो, इस

जीवन के आख्यान का.

 

क्या तुम्हें उपहार दूँ,

प्रिय प्रेम के प्रतिदान का.

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 4, 2014 at 10:27am

खेद है, भाईजी, अपनी व्यस्तता के कारण रचना पर समय से नहीं आ पाया. किन्तु यह किसी रचना की अपनी गरिमा ही हुआ करती है कि पाठक अधिक दिन उससे दूर नहीं रह सकते.
शुभ-शुभ
 

Comment by Neeraj Neer on March 4, 2014 at 8:47am

आपका हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी , मैं कब से इस रचना पर आपका इंतज़ार कर रहा था .. आपका धन्यवाद .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 4, 2014 at 1:25am

बहुत सजग प्रयास हुआ है. सुझावों पर ध्यान दीजियेगा.

शुभेच्छाएँ

Comment by Neeraj Neer on February 12, 2014 at 7:58pm

आदरणीय जीतेंद्र गीत साहब आपका बहुत बहुत आभार.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 12, 2014 at 9:37am

मैं पतंग तुम डोर प्रिय,

तुम बिन गगन अछूता है.

तुमसे बंधकर  जीवन

व्योम उत्कर्ष छूता है............बेहद खुबसूरत, प्रेम के रिश्ते को बहुत सुंदर शब्द मिले

बहुत बहुत बधाई आदरणीय नीरज जी

 

Comment by Neeraj Neer on February 12, 2014 at 9:29am

आदरणीया शशि पुरवार जी आपका हार्दिक आभार ... 

Comment by Neeraj Neer on February 11, 2014 at 10:37pm

आ. महिमा श्री जी आपका बहुत बहुत आभार जी ..

Comment by Neeraj Neer on February 11, 2014 at 10:36pm

आदरणीया डॉ प्राची सिंह साहिबा आपका ह्रदय तल से आभार और आपकी सलाह भी गाँठ बाँध ली .. सीख रहा हूँ , आप लोग स्नेह बनाये रखें एक दिन पक्का हो जाऊंगा :)

Comment by Neeraj Neer on February 11, 2014 at 10:35pm

आ. शिज्जू शकूर साहब आपका हार्दिक धन्यवाद.

Comment by shashi purwar on February 11, 2014 at 10:34pm

सुन्दर भावो से सजा हुआ कोमल गीत हार्दिक बधाई

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