For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रेम तृणों से .

प्रेम तृणों से  …….

पलक पंखुड़ी में प्रणय अंजन से 
सुरभित संसृति का श्रृंगार करो 
भ्रमर गुंजन के मधुर काल में 
कुंतल पुष्प श्रृंगार करो 
तृप्त करो तुम नयन तृषा को 
मिलन क्षणों को स्वीकार करो 
अपने उर में अपने प्रिय की 
अनुपम सुधि से श्रृंगार करो 
विस्मृत कर प्रतिकार सभी तुम 
श्वासों में प्रेम श्रृंगार करो 
चिर सुख के प्यासे अधरों पर 
तृप्ति वृष्टि का संचार करो 
अभिलाषाओं की बस्ती में तुम 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो, 
प्रेम तृणों से श्रृंगार करो ……..

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 875

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on December 23, 2013 at 7:45pm

बेहद सुंदर रचना हेतु बहुत बधाई स्वीकारें आ0 सुशील शर्मा जी । 

Comment by Sushil Sarna on December 23, 2013 at 7:39pm

aa.Arun Sharma Anant jee aapkee snehil pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Saarthi Baidyanath on December 23, 2013 at 6:42pm

भ्रमर गुंजन के मधुर काल में 
कुंतल पुष्प श्रृंगार करो ...अहा ! क्या कहने , बहुत ही मधुर रचना ! सादर :)

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 23, 2013 at 1:52pm

आदरणीय सुशील सर बेहद सुन्दर रचना हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Sushil Sarna on December 23, 2013 at 12:40pm

aadrneeya Meena Pathak jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 23, 2013 at 12:39pm

aa.Avinash S Bagde jee rachna par aapkee snehil pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 23, 2013 at 12:38pm

aa.Dr.Gopal Narain Shrivastav jee rachna par aapkee snehaasheesh ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 23, 2013 at 12:38pm

aadrneey Giriraj Bhandaaree jee rachna par aapkee aatmeey pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Meena Pathak on December 23, 2013 at 12:34pm

सुन्दर रचना हेतु सादर बधाई 

Comment by AVINASH S BAGDE on December 23, 2013 at 11:53am

चिर सुख के प्यासे अधरों पर 
तृप्ति वृष्टि का संचार करो 

सुन्दर श्रृंगार रचना सुशील भाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service