For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज देखा हमने तिरंगे का बस दो रंग अपने चेहरे पर !

क्यों संसद खामोश और ट्विट्टर चिल्ला रहा ,

क्या बदनसीबी थी हमारी,
हमारा ही रोकेट, हमारे ही घर को जला गया कहीं !

100 मेडल्स जीते हमने इस बार पर,
100 करोड़ की कीमत चूका गया कोई !

ये कैसी विकास गंगा बहा दी अपने देश मे ,
अपने ही लोगो का खून सूखा गया कोई !

ये कैसी छाई है भरष्टाचारी मस्ती हर सर पर ,
हाथो मे थी मशाले, अपनी ही बस्ती जला गया कोई !

गलियों मे होता था शोर, " सचिन आला रे ",
आज वर्ल्डकप को , IPL का प्रेक्टिस मैच बना गया कोई !

माँ से बात को , बड़े ही जतन से बचाए थे मोबाइल मे कुछ पैसे ,
2G और 3G का नाम लेके उसे भी चुरा गया कोई !

बेचारे को आस थी, मिलेगी किताबे और दाखिला कहीं ..
माथे पर डाल उसके भगवा, आरक्षण के एजेंडे पर बहका गया कोई !

महंगी पेट्रोल पर बस भिगो सी ली थी कंठ अपनी,
पर क्यों बेचारे से मुंह का निवाला तक छिनवा गया कोई !

कल तक स्कूल के मंच पर कोई बच्चा पढ़ता था ,
देश गणतंत्र के गुणगान, गाँधी, भगत सुभाष महान,
आज फेसबुक की दीवाल पर कमेंट्स तले उसे दबा गया कोई !

आज देखा हमने तिरंगे का बस दो रंग अपने चेहरे पर ..
0 और 1 का था बस बाईनरी (binary) रंग वहाँ ,
ऑनलाइन नखो से उसे भी निछुर गया कोई !

ऊँचा आसमां, गर्व से लहरा रहा तिरंगा अपना ,
देखो उसके नीचे चुपके से आंसू गिरा रहा कोई !

रचना : सुजीत कुमार लक्की (गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !)


(वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां , हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल मे है ! !)
My Blog : Sujit Kumar Lucky Live In Own Thoughts

Views: 631

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Veerendra Jain on January 28, 2011 at 11:18am
गलियों मे होता था शोर, " सचिन आला रे ",
आज वर्ल्डकप को , IPL का प्रेक्टिस मैच बना गया कोई !
Sujit ji...bahut hi badhiya kavita....

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 27, 2011 at 9:11am

क्यों संसद खामोश और ट्विट्टर चिल्ला रहा ? बहुत ही वजनदार प्रश्न , भाई ट्विट्टर पर लोक है और संसद मे लोक सेवक तो आज के लोक तंत्र मे तो लोक ही कराहेगा चिलायेगा , संसद को क्या पड़ी है की वो चिलाये |

बहुत ही अच्छी रचना , बधाई हो |

Comment by Abhinav Arun on January 26, 2011 at 9:04pm

सुजीत कुमार जी सुन्दर और चेतना जगाती कविता के लिये बढाए स्वीकारें !

ऊँचा आसमां, गर्व से लहरा रहा तिरंगा अपना ,
देखो उसके नीचे चुपके से आंसू गिरा रहा कोई !
बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं |
Comment by Dinesh Kumar on January 26, 2011 at 11:45am

bahut khob

apaka desh ke prati jajba kabil e taarif hai. aapko bhi ganatantra diwas ki shubhakamanayen.

Comment by Sanjay Kumar Singh on January 26, 2011 at 11:12am
Lucki jee , aap sachmuch lucky hai jo aapkey paas itana badhiya kalam ka gyaan hai , achchi rachna aur Republic day ki badhai hai aapko |
Comment by Sanjay Kumar Singh on January 26, 2011 at 10:46am
sujit jee, achchi rachna hai , ho rahi ghatnaon par aapki achhi pakad hai | Happy Republic Day

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service