For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिट्टी का बर्तन..! ( अतुकांत )

सुन..! मेरे मिट्टी के बर्तन,

तू अपनी असलियत को पहचान

इस संसार की झूठी, खोखली वाहवाही से

परे रहना

अपनी गहराई से ज्यादा, अनुपयोगी द्रव्य को

मत सहेजना, ढुल जाता है..

 

इक दिन निकल गया मैं

किसी के कहने पर

इक नयी मिट्टी का बर्तन बनाने

उस मिटटी में सौंधी खुसबु,

रंग मेरी मिट्टी की ही तरह, साँवला

हुबहू.... मेरे जैसी ही मिट्टी

पर शायद तनिक, कंकरियां मिली थीं,

 

उससे न बना पाया,बर्तन

बनने से पहले ही

बिखर गया..टूट गया

मेरा मिट्टी का बर्तन...!

 

    जितेन्द्र ' गीत '

  

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 823

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 13, 2013 at 8:43am

आदरणीय शुशील जी, आपकी प्रतिक्रिया से लेखनकर्म को मनोबल मिला, आपका हृदय से आभार स्नेह व् मार्गदर्शन बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 11:51am

प्रतीकों के माध्यम से अच्छी भावाभिव्यक्ति है आ0 जितेन्द्र भाई जी..... केवल कुछ टंकण त्रुटियों के प्रति भी संवेदनशील होने की आवश्यकता है..... बहुत बहुत बधाई......

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:47am

आदरणीय सचिन जी, आपका बहुत बहुत आभार, स्नेह व् मार्गदर्शन बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:45am

आपका हृदय से आभार आदरणीय अरुण अनंत जी, आदरणीय बृजेश जी व् आप सभी रचनाकारों ने मुझे, लेखन के प्रति बहुत सहयोग, स्नेह व् मार्गदर्शन दिया, कृपया स्नेह मार्गदर्शन व् आशीर्वाद युहीं बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:40am

आदरणीया मीना दीदी, आपका बहुत बहुत आभार , स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:39am

आदरणीय लक्ष्मण जी, आपका बहुत बहुत आभार , ओ. बी. ओ. पर आदरणीया कुंती जी व् आप सभी रचनाकारों के स्नेह, मार्गदर्शन व् आशीर्वाद की हमेशा आवश्यकता रहेगी

सादर! 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:30am

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय नीरज मिश्रा जी, स्नेह बनाये रखिये

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:29am

आदरणीय राम भाई जी, आपका बहुत बहुत आभार , स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 8, 2013 at 9:28am

आदरणीया कुंती जी, आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया, लेखन कर्म को बेहद मनोबल प्रदान करती है, आपका कहना एकदम सटीक है, बर्तन सृष्टी है, और कुम्हार ब्रह्मा. आपने रचना में कुम्हार की अपरिपक्वता को स्पष्ट कर, रचना पर अपने गहरे अनुभव का आशीर्वाद दिया है, रचना के माध्यम से मैं ऐसे कई कुम्हार जिन्होंने बेडोल( अनुशासनहीन) बर्तन बनाये है, और सारा दोष, मिट्टी पर  मढ दिया है, उन्ही के विषय में कहना चाह रहा हूँ, ऐसे बर्तनों को कुम्हार सिर्फ अपने ही उपयोग में ला सकता है, जिनकी खोखली वाहवाही होती है, 

आपने रचना के मर्म को छुआ, आपका हृदय से आभार, अपना स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by Sachin Dev on November 6, 2013 at 6:55pm

आदरणीय भाई जीतेन्द्र गीत जी, अच्छी रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकारें ! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service