For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोभ कपट को त्यागकर ,रखो परस्पर नेह !
शुद्ध विचारों से करो ,शीतल अपनी देह !!१

याचक भी राजा बना ,राजा मांगे भीख !
काल चक्र से भी तनिक ,ले लो भाई सीख !!२

इतना तुम क्यूँ रो रहे ,भाई घोंचू लाल !
किसने पीटा आपको ,गाल दिखे हैं लाल!!३

अधर तुम्हारे पुष्प से ,मेरे प्यासे नैन !
जिस दिन तुम दिखती नहीं ,रहता हूँ बेचैन !!४

उन्हें देख जलने लगा ,मन का बुझा चिराग !
शनै: शनै: अब फैलती ,पूरे तन में आग !!५

विरह आग में जल रही ,नयनों में था नीर !
अपलक राह निहारती ,विरहन तृषित अधीर !!६

चंचलता जिसमें भरी ,खुजली करता जाय !
वानर का बस काम ये, छीन झपट कर खाय !!७
*********************************************

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on November 8, 2013 at 11:17pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ  जी। सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2013 at 4:30am

खिचड़ी अच्छी बनी है. बहुत-बहुत बधाई लें. और आगे भी खिलाते रहें. .. :-)))

शुभ-शुभ

Comment by ram shiromani pathak on October 30, 2013 at 8:13pm

आपका अमूल्य  सुझाव बहुत अच्छा लगा मुझे   ////// बहुत बहुत आभार आदरणीया प्राची जी। …सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 30, 2013 at 12:31pm

सुन्दर दोहावली प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी 

विरह आग में जल रही ,नयनों में था नीर !...................विरह अगन में जल रही, नयनों में ले नीर (यदि ऐसे करें तो ?)
अपलक राह निहारती ,विरहन तृषित अधीर !!६

हार्दिक शुभकामनाएं 

Comment by ram shiromani pathak on October 28, 2013 at 7:13pm

bahut bahut aabhar adarneey bhai rajesh ji...saadar

Comment by राजेश 'मृदु' on October 28, 2013 at 2:52pm

बढि़या खिचड़ी है राम जी, बहुत-बहुत बधाई

Comment by ram shiromani pathak on October 27, 2013 at 9:22pm
Bahut bahut aabhar bhai ramesh ji...saadar
Comment by ram shiromani pathak on October 27, 2013 at 9:20pm
Bahut bahut aabhar adarneey laxman ji...saadar
Comment by रमेश कुमार चौहान on October 27, 2013 at 7:05pm

वाह रामशिरोमणीजी बहुत खूब । बधाई  बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 27, 2013 at 6:53pm

सार्थक और भावपूर्ण दोहे रचे है | बधाई श्री रामशिरोमणि पाठक जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service