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"डॉ साहिब, हमें बेटी नहीं चाहिए. आप बहू का एबॉर्शन कर दीजिए."
"ठीक है, आप लोग कल शाम मेरे प्राइवेट क्लिनिक पर आ जाईए".
"कल नहीं डॉ साहिब, हम लोग अगले हफ्ते ही आ पाएंगे"
"अगले हफ्ते क्यों ?"
"क्योंकि अभी नवरात्रे चल रहे हैं "

(मौलिक एवँ अप्रकाशित्)

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:40am

भाई सुशील जोशी जी, दिल से अभार.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:39am

हार्दिक आभार प्रिय गीतिका जी। 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:37am

रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया भी जीतेंद्र कुमार जीत जी


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:36am

रचना पसंद करने के लिए सादर आभार डॉ अनुराग सोनी जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:34am

आपको लघुकथा पसंद आई, यह जान कर बेहद अच्छा लगा, सादर अभार डॉ प्राची सिंह जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:33am

प्रिय महिमाश्री जी लघुकथा को सराहने के लिए आपको धन्यवाद कहता हूँ।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:32am

रचना पसंद करने के लिए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया अनुज रवि प्रभाकर जी.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:31am

रचना पसंद करने के लिए दिल से आपको धन्यवाद कहता हूँ प्रिय भाई शुभ्रांशु जी


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:31am

आपकी गुणग्राहकता का ह्रदय तल  से आभारी हूँ भाई गणेश बागी जी


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 10, 2013 at 11:30am

दिल से धन्यवाद कहता हूँ प्रिय भाई अरुन शर्मा अनंत जी

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