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तुम्हारे पास समय नहीं होगा - लघु कथा

अपना टूटा चश्मा विनोद की ओर बढ़ाते हुए जमना लाल जी ने कहा – “बेटा मेरा चश्मा कई दिनों से टूटा है , और ये पर्चा लो दवाइयाँ भी “.............। विनोद झुँझला गया – “ क्या पिता जी रोज रोज खिट खिट करते रहते हो मेरे पास इन सब फालतू कामों के लिए बिलकुल समय नहीं है , मै नौकरी करूँ उसकी टेंशन झेलूँ कि आपकी समस्या देखूँ ।” जमना लाल जी कहते रह गए कि – “ बेटा ............. । ”

पर बेटे ने न सुना न उनकी ओर देखा बस अपनी धुन मे चलता चला गया । आज वे थोड़ी थोड़ी लकड़ियां ला ला  कर इकट्ठी कर रहे थे । बेटा और बहू ने पूछा – “ पिता जी ये सब क्या है ?”

वे बोले – “ मेरी चिता की सामाग्री । मैंने सोचा तुम्हारे पास फालतू कामों के लिए और फालतू लोगों के लिए समय नहीं होगा । “

 

 

अप्रकाशित एवं मौलिक

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Comment by annapurna bajpai on September 26, 2013 at 5:16pm

ऐसा नहीं हो सकता , नियम - नियम ही होते है , लेकिन मजबूरी कुछ भी करा देती है । आदरणीय कुशवाहा जी आपका आभार । 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 26, 2013 at 3:46pm

अपने कर्म कांड अपने जीवन काल में करने की अनुमती विधान में हो 

बधाई. 

Comment by annapurna bajpai on September 19, 2013 at 1:40pm

आदरणीया सरिता जी , महिमा श्री जी आपका हार्दिक आभार ।

Comment by MAHIMA SHREE on September 18, 2013 at 11:31pm

बेहद मार्मिक और चिंतनीय प्रस्तुति आदरणीया .. आज ऐसी घटनाएं आम सी बात हो गयी हैं हमारे समाज में बहुत -२ बधाई आपको

Comment by Sarita Bhatia on September 18, 2013 at 11:11pm

सार्थक सन्देश देती लघु कथा ,बधाई अन्नपूर्णा जी 

Comment by annapurna bajpai on September 18, 2013 at 6:13pm

आदरणीया प्राची जी आपका हार्दिक आभार ।

Comment by annapurna bajpai on September 18, 2013 at 6:11pm

आदरणीया विजया श्री जी आपका आभार ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 18, 2013 at 5:05pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी 

बुजुर्गों के साथ होते इस तरह के नाज़रंदाजी के व्यवहार को बहुत संवेदनशीलता के साथ अभिव्यक्ति मिली है.  इस मर्मस्पर्शी लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by vijayashree on September 18, 2013 at 3:07pm

आज के परिवेश में माता पिता की परिस्थितियाँ वास्तव में ही सोचनीय हो गई है 

बहुत कुछ सोचने पर विवश करती इस लघुकथा पर हार्दिक बधाई अन्नपूर्णा बाजपाई जी 

Comment by annapurna bajpai on September 18, 2013 at 1:28pm

आदरणीय विजय निकोर जी आपका हार्दिक आभार ।

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