For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना...

तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुज़ारी  है ।

तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तुम भी सोते नहीं हो रातों को,

हम भी बस करवटें बदलते हैं ।

तुम शमा बन के उधर जलते हो,

हम इधर मोम  से पिघलते हैं ॥

 

उस तरफ तुम भी बेक़रार से हो, और यहाँ पर भी बेकरारी है ।

तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तुम बहुत दूर हो मुझसे लेकिन,

जाने क्यूँ आस-पास लगते हो ।

कल तलक अजनबी के जैसे थे,

आज क्यूँ इतने ख़ास लगते हो ॥

 

दिल तो पहले ही "वीर" दे बैठे, अब तो ये जान भी तुम्हारी है |

  तुमने हारा  है मुझपे दिल अपना,हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

 

तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुज़ारी है ॥

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 1044

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 11, 2013 at 2:47pm

आदरणीय annapurna bajpai  जी बहुत बहुत शुक्रिया उत्साहवर्धन के लिए 

Comment by annapurna bajpai on September 11, 2013 at 1:15pm

तेरे चेहरे में वो खुमारी है, रात करवट बदल गुज़ारी है ॥

तुमने हारा है मुझपे दिल अपना, हमने भी तुमपे नींद हारी है ॥ .....

वाह !  शानदार प्रस्तुति बहुत बधाई आपको । 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 10, 2013 at 4:34pm

आदरणीय Dr.Prachi Singh जी बहुत बहुत शुक्रिया मेरी तरफ से पूरी कोशिश है की गलतियाँ कम हों .... 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 10, 2013 at 3:58pm

बहुत खूबसूरत गीत आ० अनिल चौहान जी 

प्रेम, माधुर्य, शृंगार से पगी सुन्दर अभिव्यक्ति.. गीत के शिल्प में कहीं कहीं थोड़ी सी गेयता को निर्बाध करने की आवश्यकता है.. जो मात्रानुसार लिखने पर धीरे धीरे सही होती जायेगी.

फिलहाल इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 9, 2013 at 7:04am

आदरणीय  बृजेश नीरज   जी  बहुत बहुत शुक्रिया मार्गदर्शन के लिए .... आपकी बात ध्यान में रखूँगा 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 9, 2013 at 7:03am

आदरणीय  जितेन्द्र 'गीत' जी  बहुत बहुत शुक्रिया उत्साहवर्धन के लिए, 

Comment by बृजेश नीरज on September 7, 2013 at 10:34pm

बहुत अच्छा प्रयास है। इस प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई!
एक निवेदन है कि किसी भी विधा में लिखने की कोशिश के साथ साथ उस विधा की जानकारी भी आवश्यक है। छंद विधान समूह में लेख हैं उनका अध्ययन करे।
शिल्प के साथ-साथ रचना में कथ्य की गंभीरता पर भी ध्यान दें।
सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 7, 2013 at 9:51pm

तुम भी सोते नहीं हो रातों को,

हम भी बस करवटें बदलते हैं ।

तुम शमा बन के उधर जलते हो,

हम इधर मोम  से पिघलते हैं ॥........वाह! क्या कहने..

बहुत बहुत बधाई आदरणीय अनिल जी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 7, 2013 at 3:52pm

सुंदर गीर के लिए हार्दिक बढ़ाई 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 7, 2013 at 6:27am

आदरणीय  annapurna bajpai  जी उत्साहवर्धन के लिए  बहुत बहुत शुक्रिया  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार दोनों ही कुण्डलिया छंद आपने सुन्दर रचे हैं.…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय हरिओम भाईजी सुंदर सार्थक तीन छंदों के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। गली …"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"सिखलाया जाए अगर, बचपन से ही योग। तो  जीवनभर  व्यक्ति  से, दूर  रहेंगे …"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रानुकूल बहुत सुन्दर और सार्थक छंद सृजन के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service