For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजनीतिज्ञ,
कुशल अभिनेता,
मूक दर्शक।

कुटनीतिज्ञ
कुशल राजनेता
मित्र ही शत्रु

शकुनी नेता
लोकतंत्र चैसर
बिसात लोग

लोकराज है
लोभ मोह में लोग
यही तो रोग

अपनत्व है ?
देश से सरोकार ?
फिर बेकार ।

सपना क्या था ?
शहीद सपूतो का
मिले आजादी ?

आजादी कैसी
विचार परतंत्र
वाह रे तंत्र

गांधी विचार
कैसे भरे संस्कार
कहां है खादी ?

विकास गढ़े
हर चेहरा पढ़े
मानव कढ़े

..........‘‘रमेश‘‘.........
मौलिक एवं अप्रकाशित

चैसर = Chausar

Views: 433

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रमेश कुमार चौहान on September 6, 2013 at 10:55pm

डां प्राची सिंह - दीदीजी आपके मार्गदर्शन के आभार । आपने जो शिल्पगत त्रुटि चिन्हांकित किये है वह उचित है । भाव अतिरेक में यह गलती हो गई । आगे मै इस प्रकार त्रुटियों पर ध्यान रखूंगा । सादर धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 6, 2013 at 7:12pm

आदरणीय रमेश कुमार चौहान जी सभी हायकू बहुत सुन्दर हैं..

हार्दिक बधाई 

शिल्प की दृष्टि से इन दो हायकुओं पर आपका ध्यानाकर्षण चाहूंगी ..

सपना क्या था ?
शहीद सपूतो का............इस पंक्ति का कोई स्वतंत्र अस्तित्व है क्या ? यह प्रथम पंक्ति पर ही पूर्णतः निर्भर प्रतीत होती है 
मिले आजादी ?

लोकराज है
लोभ मोह में लोग
यही तो रोग ...............इसी प्रकार यह पंक्ति भी पूर्णतः स्वतंत्र नहीं है 

शुभेच्छाएँ 

Comment by रमेश कुमार चौहान on September 6, 2013 at 10:25am
आदरणीय रविकरजी, आ.गिरीराज भंडारीजी, आ. राम शिरोमणी पाठकजी तथा आदरणीया दीदी अन्नपूर्णा वाजपयीजी तथ दीदी मीना पाठकजी आप सब का स्नेह भरा, उत्साहवर्धक टिप्पणी से मन स्वभाविक रूप से प्रसन्न है । इस उत्साह वध्‍ार्न से लिखने की प्रेरण मिली । सादर आप सब का आभार
Comment by ram shiromani pathak on September 5, 2013 at 8:00pm

बहुत सुन्दर हाइकू  लिखे  है आपने आदरणीय//हार्दिक बधाई 

Comment by Meena Pathak on September 5, 2013 at 5:59pm

बहुत सुन्दर हाइकू .. बधाई आदरणीय

Comment by बृजेश नीरज on September 5, 2013 at 3:37pm

बहुत सुंदर! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by annapurna bajpai on September 5, 2013 at 12:39pm

आ० सुंदर हाइकू बहुत बधाई । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 5, 2013 at 12:32pm
आदरणीय बढ़िया हाइकू , बधाई !!
हाईकू धरम
शब्द बहुत कम
और बात खतम
Comment by रविकर on September 5, 2013 at 11:49am

मस्त हाइकू-
सफल प्रयास-
बधाई आदरणीय-

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service