For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - प्यार की बातें करें !!!

(२१२२, २१२२,२१२२,२१२)

नफरतों की बात छोड़ें, प्यार की बातें करें
दुश्मनों को रहने दें, दिलदार की बातें करें ।

तोड़ दें हथियार सारे, फेंक दें तलवार भी
क्या बुरा जो हम कलम की धार की बातें करें ।

'गोधरा' के भूत को फिर याद कर होगा भी क्या
ईद-होली और कुछ त्यौहार की बातें करें ।

है सियासत, खेल-कारोबार है, सब कुछ तो है
मेज पर रक्खे हुए अखबार की बातें करें ।

गाँव कस्बे और फिर इस शहर की बातें हुई
आज छत पर बैठकर संसार की बातें करें ।

दिल लगा फिर भूल बैठे, फिर किसी से दिल लगा
हम कभी तो प्यार के विस्तार की बातें करें । 

- आशीष नैथानी 'सलिल'
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 858

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 26, 2013 at 7:41pm

बहुत-बहुत शुक्रिया वीनस भाई जी |

Comment by वीनस केसरी on July 26, 2013 at 3:56am

बहुत खूब आशीष जी

ग़ज़ल के लिए बधाई और दाद क़ुबूल करें

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 21, 2013 at 8:02pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी, आदरणीय अभिनव अरुण जी, बहुत-बहुत शुक्रिया !!!

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 21, 2013 at 8:01pm

भाई केतन परमार जी, भाई राज नवादवी जी तहेदिल से शुक्रिया आपका !!!

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 21, 2013 at 7:59pm

हार्दिक धन्यवाद् आदरणीया गीतिका जी, आदरणीय जीत जी.....

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 21, 2013 at 7:58pm

बहुत-बहुत शुक्रिया भाई अरुण जी, आदरणीया कुंती जी, भाई बृजेश जी !!

Comment by Abhinav Arun on July 19, 2013 at 9:45pm

है सियासत, खेल-कारोबार है, सब कुछ तो है 
मेज पर रक्खे हुए अखबार की बातें करें । 
क्या कहने वाह आशीष जी बहुत ही सशक्त और प्रभावशाली ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on July 19, 2013 at 12:35pm

आ० आशीष जी बहुत ही सुंदर एवं विचार परक गज़ल के लिए आभार ।

Comment by Ketan Parmar on July 19, 2013 at 11:50am

दिल लगा फिर भूल बैठे, फिर किसी से दिल लगा
हम कभी तो प्यार के विस्तार की बातें करें ।

bhot umda sher bhai badhai ho

Comment by राज़ नवादवी on July 19, 2013 at 9:22am

अच्छे मिजाज़ की ग़ज़ल!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service