For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुन्दरता इसको घेरी है 
मादकता इसमें पिरोई है 
मीठे में मिश्री जैसा मेरा गाँव 
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव 

उंच नीच का भेद नहीं है 
शहरों जैसा क्लेश नहीं है 
फूलों में गुलशन जैसा मेरा गाँव
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव 

सुन्दरता तरुओं की प्यारी 
मादकता सरसों की सारी 

सान्झो में सूरज जैसा मेरा गाँव 
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव 

नदियों की कल कल है इसमें 
झरनों की झर झर है इसमें 
चिड़ियों में कोयल जैसा मेरा गाँव 
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव

हरियाली रहती खेतों में 
खुशहाली रहती पेड़ों में 
अँधेरे में दीपक जैसा मेरा गाँव 
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 664

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Devendra Pandey on July 8, 2013 at 11:20am

Adarniyo ko sadarr dhanyawad 

Comment by MAHIMA SHREE on July 7, 2013 at 3:16pm

सुंदर प्रस्तुती ... बधाई आपको

Comment by वेदिका on July 7, 2013 at 6:35am

बहुत खूब सुंदर तस्वीर उकेरी है आपने ये गाँव की,,

//उंच नीच का भेद नहीं है // 

इस पंक्ति पे इतना जरुर कहना चाहूंगी की ऊँच नीच का भेद गाँव में बहुत जोरों पर है, यहाँ जाति तो छोडिये, उपजातियों में भी बेहद छुआछूत अब भी चलती है!  

शुभकामनाये!! 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 7, 2013 at 1:06am
""नदियों की कलकलहै इसमें झरनों की झरझरहै इसमें चिड़ियों में कोयलजैसा मेरागाँव सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव'

हरियाली रहती खेतों में खुशहालीरहती पेड़ों में अँधेरेमें दीपक जैसा मेरा गाँव सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा गाँव""...आदरणीय..देवेन्द्र भाई, सचमुच शहर से दूर गांव की बात ही निराली है! कितना सुकुन रहता है वहाँ, केवल पंछियों की चहचहाना, नदियों कलकलाहट, हवा की सरसराहट! खेतों की हरियाली! वाह ...! हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
3 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service