For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चुप तो बैठे हैं हम मुरव्वत में - वीनस

एक ताज़ा ग़ज़ल ...

चुप तो बैठे हैं हम मुरव्वत में

जाएगी जान क्या शराफत में

 

किसको मालूम था कि ये होगा

खाएँगे चोट यूँ मुहब्बत में

 

पीटते हैं हम अपनी छाती क्यों
क्यों पड़े हैं हम उनकी आदत में

 

खून उगलूँ तो उनको चैन आए

आप पड़िए तो पड़िए हैरत में

 

बेहया हैं, सो साँसें लेते हैं

मर ही जाते तुम ऐसी सूरत में

 

अब नहीं आ रहा उधर से जवाब
लुत्फ़ अब आएगा शिकायत में

नाम उन तक पहुँच गया मेरा

अब तो रक्खा ही क्या है शुहरत में


ख़ाब में भी न सोच सकते थे

लिख के भेजा है उसने जो खत में


मैंने रोका था, ख़ाक माने आप

और पड़िए हमारी सुहबत में

जेह्न से वो नहीं उतरता है

हर घड़ी अब रहूँ इबादत में


ठोकरें खाऊंगा ... बहुत अच्छा !

और क्या क्या लिखा है किस्मत में ?



फाइलातुन मफ़ाइलुन फैलुन 
मौलिक व अप्रकाशित
- वीनस

Views: 1351

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:50am

महिमा श्री जी आपको अंदाज़ पसंद आया जाँ कर बेहद खुशी हुई ... शहीद तो हम पहले ही हो चुके हैं बस् शहादत को खुद टुकड़ों में कैश किया जा रहा है ...

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:48am

कुंती जी आशीर्वाद स्नेह बनाए रखें

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:47am

जी राम शिरोमणि भाई आपकी बड़ी कृपा होगी मुझ पर ...

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:47am

जितेन्द्र जी आपसे दाद पा कर मुझे बेहद खुशी हुई

बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:46am

नीरज मिश्रा जी आपकी ज़र्रा नवाज़िश है ....

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:45am

शुक्रिया गीतिका जी आपका शुक्रगुज़ार हूँ

Comment by वीनस केसरी on July 5, 2013 at 1:45am

बहुत शुक्रिया सौरभ जी
मैंने इस ग़ज़ल के मार्फ़त जान एलिया को खिराजे अकीदत पेश की है ...


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 5, 2013 at 12:36am

//चुप तो बैठे हैं हम मुरव्वत में

जाएगी जान क्या शराफत में// "हम+मुरव्वत"

//पीटते हैं हम अपनी छाती क्यों
क्यों पड़े हैं हम उनकी आदत में// आदत में "पड़ा" भी जाता है भाई ?

//खून उगलूँ तो उनको चैन आए

आप पड़िए तो पड़िए हैरत में//  "आप+पड़िए"

//बेहया हैं, सो साँसें लेते हैं

मर ही जाते तुम ऐसी सूरत में// ऊला में "हैं" और सानी में "तुम" की जुगलबंदी ?

//ख़ाब में भी न सोच सकते थे

लिख के भेजा है उसने जो खत में// "खाब+में"

Comment by सानी करतारपुरी on July 4, 2013 at 11:10pm

जनाब बढ़िया शेअर कहे हैं  ..

अब नहीं आ रहा उधर से जवाब 

लुत्फ़ अब आएगा शिकायत में 

नाम उन तक पहुँच गया मेरा

अब तो रक्खा ही क्या है शुहरत में  ... मुबारकबाद  
Comment by बृजेश नीरज on July 4, 2013 at 10:52pm

बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service