For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यूँ पाठ जिंदगी का पढ़ाने का शुक्रिया
की बेरुखी से मुझको भुलाने का शुक्रिया

गुज़रे हुए निशान कुछ रेती पे पैर के
यादें यूँ अपनी छोड़ के जाने का शुक्रिया

कोई तो चाहिए ही था इक हमसफ़र तुझे
दिल में किसी को और बसाने का शुक्रिया

रातों से हो गयी है मुहब्बत सी अब हमें
ख्वाबों में ही दीदार कराने का शुक्रिया

दिल मोम का है सोंच के रोता रहा सदा
पत्थर कि तरहा दिल को बनाने का शुक्रिया

मुझको लगा ये काफ़िला मेरे ही साथ है
अब तक यूँ मेरे साथ में आने का शुक्रिया

हसरत नही कि जिंदगी ताबील हो “ऋषी” 
दो पल ही सही साथ निभाने का शुक्रिया

अनुराग सिंह “ऋषी”


मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 660

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Anurag Singh "rishi" on June 19, 2013 at 1:09pm

बहुत बहुत शुक्रिया आप सभी का
ह्रदय से आभार

Comment by vijayashree on June 14, 2013 at 9:03pm

सुदर भावों से रूबरू कराने पर शुक्रिया .

Comment by coontee mukerji on June 14, 2013 at 1:20am

रातों से हो गयी है मुहब्बत सी अब हमें
ख्वाबों में ही दीदार कराने का शुक्रिया................क्या  बात है.

.दिल मोम का है सोंच के रोता रहा सदा
पत्थर कि तरहा दिल को बनाने का शुक्रिया.........बहुत सुंदर कहा / सादर / कुंती

Comment by Anurag Singh "rishi" on June 13, 2013 at 4:06pm

मै आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ तथा धन्यवाद भी ज्ञापित करता हूँ आशा है ये स्नेह ऐसे ही प्राप्त होता रहेगा
सुझावों हेतु ह्रदय से धन्यवाद
सादर
अनुराग सिंह "ऋषी"

Comment by बृजेश नीरज on June 12, 2013 at 10:14pm

आपके प्रयास पर आपको बधाई! 

Comment by Roshni Dhir on June 12, 2013 at 12:24pm

बहुत अच्छा लगा आपकी गज़ल पढकर ..

युही लिखते रहिये 

आभार 

Comment by राजेश 'मृदु' on June 11, 2013 at 6:19pm

आनंद आ गया आपकी रचना को पढ़कर । वीनस जी बात पर गौर करें तो और भी शानदार गज़ल आप लिख कर हमें आनंदित कर सकते हैं, सादर

Comment by Shyam Narain Verma on June 11, 2013 at 5:00pm

सुदर अभिव्यक्ति............................

Comment by वीनस केसरी on June 11, 2013 at 11:42am

क्या कहने भाई जी वाह वा शानदार कहन और सुन्दर भाव के साथ अच्छी ग़ज़ल कही है 

हाँ कुछ मिसरों की लय पर पुनः गौर कर लें 

सादर 

Comment by Anurag Singh "rishi" on June 11, 2013 at 8:50am

ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ आपका सर एवं हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद आपको
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service