For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,
ओपन बुक्स ऑनलाइन तो आप का अपना घर है ,
सुबह से साम तक रहता आपका इंतजार हैं ,
ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,
गजले योगराज प्रभाकर, आशा पाण्डेय, अलीम के ,
इनका भी जबाब कहा भाई विवेक, सतीश मपतपुरी हैं ,
आइये ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,
कविता पे राज करे बहन रजनी छाबरा ,
संग राजू की रचना बिरेश, अर्पण की मस्ती हैं,
आइये ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,
लेख रतनेश और अभिषेक , अमरेंदर की
बिजय पाठक सजग हैं संग में प्रीतम जी ,
गणेश जी की और बात गुरु नत मस्तक हैं ,
ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

Views: 376

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 13, 2010 at 8:48pm
waah bhai waah , Guru jee to lag raha hai ab flow mey aa gayey hai,Yograj bhaiya key shabd mey "Spark" ab teji sey ho raha hai, badhiya likha hai guru jee,
Jai hooooooooooooo
Comment by Admin on May 13, 2010 at 6:08pm
बहुत बढ़िया कविता लिखे है गुरु जी, आप ने तो ओपन बुक्स परिवार के बारे मे सब कुछ लिख दिया है चंद शब्दों मे , बहुत ही सुंदर कविता बनाये है, सबका मन आप ने जीत लिया है,पर एक बेचारा ADMIN के बारे मे कुछ भी नहीं लिखा, खैर कोई बात नहीं अब आप के अगले कविता का इन्तजार रहेगा, शायद उसमे ADMIN को कुछ जगह मिल जाय, धन्यवाद गुरु जी, सचमे आप गुरु है,
Comment by Ratnesh Raman Pathak on May 13, 2010 at 5:38pm
guru jee ab mujhe samajh me nahi aaraha hai ki kaise aapko sukriya ada karu,aur kaise dhanywad kahu.jo sabd uthata hu aapko bhet karne ke liye wo aapke samne chhoti ho ja rahi hai. ek kahwat hai............कौन कहता है की आस्मा मे सुराख नही हो सकता !
एक पत्थर तो तबीयत से उच्छलो यारो !!
sachmuch me aapne surakh kar diya hai aasman me ,aapne wo kaam kiya hai jo har koi nahi kar sakta ,aur us kaam ka naam hai -------------openbooks pariwar ka dil jitna ,jo aapne kuchh sabdo me hi jeet liya.............bahut bahut dhanyawad
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 13, 2010 at 4:14pm
waah guru jee....swagat karne ka ye naya tareeka bahut hi lajawab hai .....aapka koi zor nahi hai guru jee aap bezoor hain......
sat sat naman hai aapko guru jee...............
bahut bahut dhanyabaad...................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
47 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" posted a blog post

ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है

1212 1122 1212 22/112मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना हैमगर सँभल के रह-ए-ज़ीस्त से गुज़रना हैमैं…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधकह दूँ मन की बात या, सुनूँ तुम्हारी बात ।क्या जाने कल वक्त के, कैसे हों…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service