For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ  परिवार सम,  शारद  के  सब भक्त 

’सीख-सिखाना’-अर्चना, भाव गहन हों व्यक्त

भाव गहन हों व्यक्त, आज का दिन पावन है

नदिया  धारे   धार,   जिये  नित  परिवर्तन है

तट-बंधन दृढ़ युगल, अगर कुछ बेतुक भी हो--

बहती   नदिया   मौन,  कहे  सबसे   ओबीओ..  .

ओबीओ के प्रादुर्भाव का पावन दिवस सभी सदस्यों और शुभचिंतकों के लिए मंगलमय हो.. .  हम समवेत सीखें .. ..

Views: 765

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2013 at 4:56pm

भाई बृजेश जी, भावानुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2013 at 4:56pm

भाई राजेश झा जी,  उन्‍मुक्‍त कुंडलिया किस तरह की कुण्डलिया छंद है इसका मुझे पता ही नहीं था.  हमने तो मात्र एक छंद विशेष ही लिखा है. यदि आप उन्मुक्त कुण्डलिया की विधा को स्पष्ट कर सकें तो सभी के साथ मुझे भी लाभ होगा.

भावानुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद.

Comment by राजेश 'मृदु' on April 3, 2013 at 1:24pm

साधु-साधु, बहुत ही उन्‍मुक्‍त कुंडलियां लिखी हैं आदरणीय और संदेश तो सर्वव्‍याप्‍त है ही, सादर

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 3, 2013 at 6:46am

श्रद्धेय श्री सौरभ पाण्डेय जी, सादर अभिवादन!

ओ बी ओ की स्थापना दिवस पर आपके उदगार सभी सदस्यों में नए उत्साह का संचार करती है!

खासकर यह उद्गार - 

तट-बंधन दृढ़ युगल, अगर कुछ बेतुक भी हो --

बहती नदिया मौन,  कहे सबसे ओबीओ.....

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 2, 2013 at 6:54pm

आदरणीय, सौरभ पाण्डे जी,  जी गुरूजी! आप सभी माननीय पदाधिकारियों एवं समस्त गणमान्य सदस्यों को भी ओ0बी0ओ0 की वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2013 at 6:36pm

तट-बंधन दृढ़ युगल, अगर कुछ बेतुक भी हो --

बहती नदिया मौन,  कहे सबसे ओबीओ ..  यही आत्मीय भाव सदस्यों विशेषतः विद्वजनों में होने के कारण obo की निरंतर 

सदाशय संख्या में इजाफा हो रहा है |  सदस्य खुलकर अपनी जिज्ञाषा शांत कर पाते है और सीखने को मिलता है | सुन्दर 

कुंडलिया छंद के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ जी, और सभी सदस्यों को हार्दिक शुभ कामनाए 

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 1, 2013 at 9:18pm

ओबीओ मंच के प्रादुर्भाव दिवस पर ओबीओ के अंतर-चिंतन, अविचलित सतत प्रवाह और सुदृढ़ तटबंधों के दोनों स्तंभों को सबके समक्ष प्रस्तुत करते इस विशष्ट कुण्डलिया छंद के लिए साधुवाद.

प्रादुर्भाव दिवस की आपको व सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएँ 

सादर.

Comment by श्रीराम on April 1, 2013 at 8:47pm

" सुंदर प्रस्तुति ... बहुत-बहुत बधाई"

Comment by बृजेश नीरज on April 1, 2013 at 5:03pm

यह पावन दिवस सबको मंगलमय हो। आप सभी को बहुत बधाई!

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:53pm

आदरणीय सौरभ सर सही कहा आपने मुझे जो भी ज्ञान मिला सब ओ बी ओ की ही देन है ..नहीं तो मुझे साहित्य की ए बी सी  डी भी नहीं आती थी! आपके सुझाव स्नेह के लिए मै जीवन भर आभारी रहूँगा//////सादर प्रणाम 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service