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तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है

तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
तुम रक्त पात करते रहो, हम अपना लहू बहाने बैठे है,

तुम हिंसा को ही धरम मानते,हम अहिंसा के मतवाले है,
तुम दोनों गालो पर मारते रहो,हम तो गाँधी को मानने वाले है,
हर बार पीठ पर तुमने वार किया, फिर भी हम सीना ताने बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

तुम पडोसी धरम निभा न सके, हम भाई धरम निभाते है,
तुम फ़ौरन हमला कर देते, जब हम वार्ता के लिये बुलाते है,
तुम नफरत की आग उगलते हो,हम ताज सजाये बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

हम पकडे गये दुश्मनों को भी,जहाँ कहा वहां पहुचा दिया,
अफजल,कसाब को भी रखे है, तुमने ही अबतक कुछ नहीं किया,
इक विमान अपहरण कर,ले जाओ, हम आस लगाये बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

हम भारत के कर्णधार, हम निति निर्धारण करते है,
हमारा नहीं कुछ बिगडने वाला,इसलिये नहीं किसी से डरते है,
हर बार मूर्ख बनते भारत के भोले लोग,इस बार भी बनने को बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
तुम रक्त पात करते रहो, हम अपना लहू बहाने बैठे है,

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Comment by Raju on May 9, 2010 at 9:58am
kya baat hai Ganesh bhaiya ........ itni jordar kavita...ye to mere favourite me shamil ho gaya..
Comment by Ratnesh Raman Pathak on May 8, 2010 at 11:32pm
तुम पडोसी धरम निभा न सके, हम भाई धरम निभाते है,
तुम फ़ौरन हमला कर देते, जब हम वार्ता के लिये बुलाते है,
तुम नफरत की आग उगलते हो,हम ताज सजाये बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

ganesh bhaiay aap ne in 4 line me wo batein kah di hai jo ki 4 page me bhi sambhav nahi ai.........aapne bharat ka charitra chitran sirf char line me hi kar diya .........Bbahut badhiya laga
Comment by Rash Bihari Ravi on May 8, 2010 at 12:56pm
मेरी अहिंसा परम धर्म को ये मत समझाना की डरते हैं ,
हम महाराणा , कुवर ke बंसज हैं जो देश के लिए मरते हैं ,

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 8, 2010 at 12:56pm
Bahut aachey Ganesh bhai - kya khhob khyalaat hain.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 8, 2010 at 11:11am
bahut badhiya likha hai aapne ganesh bhaiya.....kin sabdo se prashansha likhu samajh nahi aa raha hai.....isliye bas itna hi kahunga ki lajawab.............
Comment by SUMAN KUMAR SINGH on May 8, 2010 at 11:07am
bah kya bat hai Ganesh Bhai

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