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बचपन की यादो का चिटठा- लक्ष्मण लडीवाला

रह रह कर बचपन  याद आता है मुझे 
क्यां अल्हड मस्ती थी मेरे गाँव में 
सब बह गया लगता है अब- 
शहर के इस सीमेंट कंक्रीट की छाव में 
खूब खेलते थे मस्ती से सब मिल-
गाँव के खेत में, पेड़ की छाँव में ।
 
यदा कदा बेबस ही बचपन याद आता है,
देखते थे रम्भाती गायों को  साँझ में,
नाचते मोरों के झुंडो को खेत में,
सुनते थें कोयल की कुहू कुहू,
सारी यादे हवा हो गयी अब- 
शाद बह गयी सब तनाव की नाँव में ।
 
याद आता है बरबस ही बचपन मेरा 
सोता था गोद में, माँ की छाँव में,
सुनता था कहानी दादी की प्यार से,
नानी खिलाती थी बड़े चाव से,
दादा पढ़ाते थे बड़े दुलार से,
कहाँ हवा हुए उन सबके अरमान, 
अब अहसास हुआ मुझे-
वह सब तो था केवल किताबी ज्ञान,
 
अब जब पीछे मुड देखता हूँ,
कोसों दूर छूट गया मेरा गाँव,
हवा के झोंकों में बह गयी नाँव,
सपना थे माँ-बाँप के अरमान,
किताबी था पाया जो ज्ञान,
पंख नहीं लग सकते थे-
बगैर व्यावहारिक ज्ञान के,
केवल पाए किताबी ज्ञान से ।
 
यदा कदा याद करबचपन की यादो को,
बरबस झकझोर जाती मझे,
मेरे कुचले हुए अरमानो को,
सुनता हूँ माँ की आहभरी-
उस परवाज को कोसती आवाज को,
जिसने काट दिये मेरे,
उड़कर छलांग लगते पंखो को । 
 
सोंचता हूँ अब बच्चे को,
सपने नहीं दिखाऊंगा ।
सपनो में उड़ान भरने के बजाय,
ठोस धरातल पर ही,
उसके पाँव जमाऊंगा ।
सुसंस्कारित कर उसको,
गुरुकुल की सिक्षा,वेदों का ज्ञान,
हलधर का भान करा,
भारत माँ की आत्मा बसी,
उन गाँवों  की सैर कराऊंगा ।
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,
कृष्णा साकेत 165,गंगोत्री नगर,
गोपालपुरा,जयपुर (राज।)-18   

 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 17, 2012 at 6:27pm

मुझे लगरहा था की गलत समय पर रचना पोस्ट होने से माननीय सदस्य इस रचना को पढ़ नहीं पाए । रचना में अंकित             बचपन की यादो में ममत्व स्नेह भाव पसंद  करने हेतु हार्दिक आभार स्वीकारे आपका आदरणीया  राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 17, 2012 at 10:22am

हर व्यक्ति दिल से अपना संचित ज्ञान ,धन धान सब अपने बच्चों को देकर जाना चाहता है पर कभी नहीं चाहता की जिस कमी को उसने भुगता उसके बच्चे स्वप्न में भी वो महसूस करें ये ही तो माता पिता का एक निःस्वार्थ ,पावन ममत्व है अपनी संतान के लिए यही सब भाव आपकी इस रचना से झलक रहे हैं बचपन की यादें कभी दिल से दूर नहीं होती बहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई आपको 

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