For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 
ये हादसे 
मीडिया की 
टी आर पी के वास्ते 
लोगो के मनोरंजन 
के रास्ते
बतलाते 
मुनीम और गुमास्ते |
ये हादसे 
चर्चा के वास्ते 
ख़बरों की 
सुर्ख़ियों के रास्ते 
गुड गोबर कर देते 
घोटालों की 
गंभीरता को 
वाद विवाद में 
उलझाने वास्ते |
शेयर घोटाला हो 
या चारा घोटाला,
सिर्फ रह जाते 
अतीत के पन्नो में 
घोटालों के 
इतिहास के वास्ते |
ये सब सच मानो  
तो नहीं है 
चर्चा के लिए-
हमारे वास्ते,
ये हादसे |
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

Views: 368

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 12, 2012 at 9:43am

रचना पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद श्री मकरंद दवे जी 

Comment by MARKAND DAVE. on October 12, 2012 at 9:16am
शेयर घोटाला हो 
या चारा घोटाला,
सिर्फ रह जाते 
अतीत के पन्नो में 
घोटालों के 
इतिहास के वास्ते|
 
Very Nice Said, Shri Laxmanji, 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 5, 2012 at 10:25am

होंसला अफजाई का आपका सहयोगात्मक सोच लाजवाब है आदरणीय सीमा अग्रवाल जी

वाकई चौथे स्तम्भ की कार्य शैले जनता पर direct impect  करती है, इस स्तम्भ को अति 
संवदनशील होना चाहिए  

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 5, 2012 at 10:20am

रचना पसंद आई हार्दिक धन्यवाद श्री अजय शर्मा जी आपको 

Comment by seema agrawal on October 4, 2012 at 9:20pm

आपकी विचार शैली बहुत समृद्ध है और जब-जब आप उसको किसी विचारोचित  काव्य विधा के साथ ले कर आते हैं बरबस ही वाह निकल पड़ती ही 
गुड गोबर कर देते 

घोटालों की 
गंभीरता को 
वाद विवाद में ...सच कहा आपने ......लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की कार्य शैली पर प्रश्न उठाती सम्यक रचना 
Comment by ajay sharma on October 4, 2012 at 6:09pm

wah wah ये हादसे 

चर्चा के वास्ते 
ख़बरों की 
सुर्ख़ियों के रास्ते bahut khoob sri maan

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
8 hours ago
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service