For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कहाँ गई वो मेरे देश की खुशबु

जिसमे सराबोर  रहते थे

इंसानों के देश प्रेम के जज्बे ,

कहाँ गई वो माटी की सुगंध

जिससे जुडी रहती थी जिंदगी  

कहाँ गए वो आँगन 

जिनमे हर रोज जलते थे 

सांझे चूल्हे 

जहां बीच में रंगोली सजाई जाती थी 

जो परिचायक थी 

उस घर की एकता और सम्रद्धि की 

जिसमे खिल खिलाता था बचपन 

लगता है वक़्त की ही 

नजर लग गई उसको 

आधुनिकता नामक विष 

घुल गया वहां के परिवेश में 

विघटित हो गए आँगन 

विघटित हो गए 

बंधन 

हर जगह बीच में

दीवार नजर आती है 

बस अहम् जी रहा है 

कहाँ जा रही हैं 

इस युग की सीढियां 

पता नहीं ऊपर या नीचे !!!

Views: 569

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 10:12pm

हाँ अविनाश जी सही कह रहे हैं ये अहम् की कालिमा में छिप गए हैं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 10:11pm

बहुत बहुत शुक्रिया योगी सारस्वत जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 10:10pm

हाँ संदीप कुमार जी हमे आधुनिकता के सही मायने समझने होंगे बारूद के ढेर पर बैठ कर उसे ही कुरेद रहे हैं हम संवेदन हीनता बढ़ रही है व्यवहार में 

Comment by AVINASH S BAGDE on June 21, 2012 at 3:43pm

कहाँ गए वो आँगन 

जिनमे हर रोज जलते थे 

सांझे चूल्हे .....ye rat ki kalima ke aagosh me ja chuke hai.

Comment by Yogi Saraswat on June 21, 2012 at 3:07pm

हर जगह बीच में

दीवार नजर आती है 

बस अहम् जी रहा है 

कहाँ जा रही हैं 

इस युग की सीढियां 

पता नहीं ऊपर या नीचे !!!

bahut sundar chitran aaj ke samaaj ka

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 21, 2012 at 10:01am

is yug ki seedhiyon ki jaanch chal rahi hai mahodyaa ji ...................aadhunikta ke naam par na jaane kya kya ho rha hai ........................par wo adhunikta nahi mahaj ashbhyta hai ...............sadhuwaad aapko sundar rachna hetu ......bahut bahut badhai


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 9:05am

हार्दिक आभार अलबेला जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 9:04am

हार्दिक शुक्रिया डा.सूर्या बाली जी 

Comment by Albela Khatri on June 21, 2012 at 8:42am

ऊपर  तो नहीं जा रही  है राजेश कुमारी जी,
ये पक्का है
हाँ नीचे जाने के आसार लग रहे हैं.........
बहरहाल इस उत्तम रचना के लिए अभिनन्दन  स्वीकार करें............
__जय हो !

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 20, 2012 at 11:17pm

कहाँ जा रही हैं 

इस युग की सीढियां 

पता नहीं ऊपर या नीचे !!

....राजेश कुमारी जी बहुत सुंदर भाव लिए हुए ये रचना। बहुत अच्छी लगी । बहुत बहत बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
10 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
11 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service