For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डिग्री और दुनियाँ

एक दिन मै अकेले बैठा था, वीरान जगह, सुनसान जगह|
और सोच रहा था ये दुनिया आखिर किस चीज से चलती है||

याद आया दिन कालेज का तब, मार पड़ी थी जब मुझको|
ये बता न पाया था  धरती, डिग्री पे झुक के चलती है||

मुझे मार पड़ी थी उस दिन भी, घंटा गणित का था शायद|
कुछ डिग्री कोण न बना सका, ये बात अभी तक खलती है||

इक चंचल चितवन की लड़की, जो प्यार मुझी से करती थी|
जब फेल हुआ तो कहन लगी, किसी और को पकड़ो वो चलती है||

इस गम ने मुझे झकझोर दिया, टूटे दिल के संग चला|
सुन रखा था टूटे दिल की दुनिया, पैमाने से चलती है||

देशी शराब के ठेके पर, पहुंचा मैं पीने की खातिर|
विक्रेता मुझसे पूछ लिया, "कहो कौन सी डिग्री चलती है"||

कुछ पैसों खातिर पहुंचा मै भी किसी कंपनी में|
तब इंटरव्यूवर पूछ लिया, "कोई पास तुम्हारे डिग्री है"||

काम दिहाड़ी दे दूंगा, खाकर वो तरस मुझपे बोला|
और कहने लगा कि "ऐ बेटे दुनिया डिग्री से चलती है"||

अब जाके मै समझा हूँ, दुनिया डिग्री से चलती है||

Views: 458

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ajay Singh on November 3, 2010 at 9:55am
apki poetry k lye word hi nhi ml rhe bhai
Comment by sandeep kumaar kushwaha on September 4, 2010 at 7:12pm
bahut badhiya likhali sir ji
Comment by आशीष यादव on August 25, 2010 at 6:30am
Sabko pranam,
rachana sarahna ke liye dhanyawaad. Aap log aage bhi mera sath denge mai asha karta hu.
Comment by Rash Bihari Ravi on August 23, 2010 at 1:55pm
lajabab subsurat
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on August 23, 2010 at 1:31pm
देशी शराब के ठेके पर, पहुंचा मैं पिने की खातिर|
विक्रेता मुझसे पूछ लिया, "कहो कौन सी डिग्री चलती है"||

किसी कंपनी में गया मैं, एक अच्छे जॉब की खातिर|
इंटरव्यूवर मुझसे पूछ बैठा, "कोई पास तुम्हारे डिग्री है"||

वाह आशीष भाई वाह....ये अचानक से इतना दर्द कैसा निकल पड़ा...
वैसे बहुत सही रचना है पढ़ के हसी भी आ रही है...लेकिन जो भी हो रचना बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया है....
Comment by Harsh Vardhan Harsh on August 23, 2010 at 9:21am
डिग्री को पूरे 360 डिग्री पर घुमाने के लिए बधाई।
Comment by baban pandey on August 22, 2010 at 10:29pm
बहुत ही अच्छा शीर्षक के साथ ...आशीष जी ..मजदूर क्या जाने डिग्री ...और हम भी ..जब पेट भूखे हो ...बधाई

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 22, 2010 at 8:03pm
देशी शराब के ठेके पर, पहुंचा मैं पिने की खातिर|
विक्रेता मुझसे पूछ लिया, "कहो कौन सी डिग्री चलती है"|
ha हा हा bahut खूब आशीष भाई इस डिग्री का प्रयोग इतने तरीको से हो सकती है, मैने सोचा नहीं था, बहुत खूब , अच्छी रचना , धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service