For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अधिवक्ता और नेता

अधिवक्ता और नेता

"जिन्हें मालूम है गरीबों की झोपड़ी जली कैसे? वही पूछते हैं ये हादसा हुआ कैसे?"
ये पंकितियाँ किसी शायर के मन में उमड़े उस व्यंगात्मक पहलू को दर्शाती हैं की जानते हुए भी पूछते हैं. इन्होने चाहे जिस मंशा से लिखा हो पर एक अधिवक्ता के नाते में इन पंकित्यों को ऐसे देखती हूँ की जानते तो हैं पर बात की तह तक पहुचना चाहते हैं ताकि कोई निर्दोष महज शको - शुबहा के आधार पर दोषी ना घोषित हो जाये.
अधिवक्ता का अर्थ होता है अधिकृत वक्ता, जब हमें कोई व्यक्ति अधिकार देता है तो हम उसकी बात को कानून के दायरे में तर्कसंगत ढंग से रखते हैं. पशे से इमानदारी बरतते-बरतते अधिवक्ताओं को सामज का चेहरा कुछ ज्यादा ही करीब से देखने को मिलाता है ,इसलिए अधिवक्ता को मुक्त वक्ता बनने में देर नहीं लगती. जो मुक्त वक्ता बना वो समाज की गहरी जड़ों में लगे अनाचार रूपी दीमक पर स्वक्षंद ढंग से आघात करने लगता है, यहीं से जन्म होता है एक नेतृत्त्व की भावना का और एक नेता का.नेता शब्द वर्तमान समय में तथाकथित बुद्धिजीवियों के लिए अप्रिय शब्द की परिधि में आने लगा है इसका का कुछ यथोचित कारन भी है पर हर सिक्के के दो पहलू की तरह इसका भी एक पहलु सकारात्मक है .
अगर नेता/अगुआ अधि. महात्मा गाँधी नहीं होते तो क्या आज मेरी लेखनी मुक्त गति से विचरित हो पति. संविधान निर्माता, अधि. अम्बेडकर ने नेत्रित्व नहीं किया होता तो क्या राष्ट्र में एक सोनियोजित ,सुसंघटित न्याय व्यस्था सुचारू रूप से प्रतिपादित हो पाती.प्रथम उप-प्रधनमंत्री,अधि.सरदार वल्लभ भाई पटेल के बिना वर्तमान भारत की कप्लाना संभव थी? अतः किसी शब्द में सदैव नकारात्मकता खोजना ही मेरे विचार में नाकारापन है. जब हवा की गति तेज हो तो विपरीत दिशा इ बहने के बजाय उसी गतिनुसार हवाचाक्की बनकर बहो और कुछ सार्थक करो.
प्रथम प्रधानंत्री, अधि.,पंडित जवाहर लाल नेहरु ने जेल की दुरूह घड़ियों में भी सकरातक सोच का परिचय देते हुए अपनी नन्ही सी बिटिया को इस देश का मजबूत नेता बनाने का जिवंत सपना दिया.
ये तो रही आधुनिक आइतिहसिक काल की बातें अब अगर वर्त्तमान परिप्रेक्ष्य पर नजर डालें तो हमारे तात्कालिक गृहमंत्री ,वरिस्थ अधिवक्ता,चिदंबरम जी काया भर सम्हालते ही व्यस्था को मजबूत हाथों से पकड़ा और आतंकवाद पर नकेल लगाने में कुछ हद तक सफल रहे और प्रयासरत हैं. वर्तमान मानव संसाधन मंत्री,अधि. कपिल सिब्बल ने अपने छेत्र में ईतिहासिक सुधार किया है और एक नए दृष्टि से प्रयासरत है. विपक्ष की अज्बुत नेता,अधि. सुषमा स्वराज ने संसद में मुक्त कंठ से ये घोष किया नेता का वास्तविक अभिप्राय प्रहरी से ,जो एक स्वस्थ सोच का परिचयक है.
कुछ समय पहले तक अधिवक्ता सिर्फ विचारों से ही देश के विकाश के लिए योगदान देते थे इसिलिये अर्थ से संपन्न जन ही इस पेशे से एक पहचान बना पाते थे ,पर अब समय ने अपने चाल बदली है,भारत देश इ वकालत का व्यसाय इतना विकसित और सम्ज्पन्न हो चला है की परदेशी अधिवक्ता भी यहाँ आकर वकालत करना चाहते हैं हालाँकि इसका विरोध भी अपनी जगह जारी है.देश का सर्व्श्रेस्था कर-दाता (अनुमानतः२००५ में ) एक दासहिं भारतीय अधिवक्ता ही था.एक ओर जहाँ पूर्वोत्तर भारत की लोकसभा सदस्य, अधि. अगाथा संगम ने सबसे कम उम्र की योग्य संसद सदस्य के रूप में पहचान पायी. वही दूसरी ओर जीवन के अंतिम पड़ाव की तरफ कूच करने की उम्र में एक अधिवक्ता से नेता बने व्यक्ति ने प्रथम आँध्रप्रदेश की मुख्यमंत्री पद की सपथ ली थी और अपनी जवान सोच से इस नवीन प्रदेश को संभावित,विकासशील राज्य के रूप में जन्म दिया.
अब अगर अंतर्राष्ट्रीय नजरिए से देखे तो विश्व के मजबूत और ताकतवर देश का राष्ट्राध्यक्ष भी अधिवक्ता बराक ओबामा ही हैं,जिसने वहां की सत्ता पाकर एक नया अध्याय शुरू किया हैं वहां के अश्वेत समुदाय के लिए.
मैंने अधिवक्ता समुदाय के महिमामंडन के लिए नहीं बल्कि उनके योगदान को सारांश रूप रखने के लिए ये बात चलायी है,नेताओं और अधिवक्ताओं के लिए व्यंग्वानो से व्यथित हो कर मेरी तोतली लेखनी कुछ अस्फुट शब्दों को जोड़कर एक बात रखी है आप सभ्य व्यक्तियों के मध्य.
अब "कौओ के दरबार में कोयल का अपमान,अपमानित है ज्ञान अब ,अभिनंदित अज्ञान".
पंडित गोपाल दास नीरज की इन पंकितियों को अपनी बात के समर्थन में रखत हुए ,अपनी लेखनी को विराम देती हूँ.

अधिवक्ता,अलका तिवारी
उच्चतम न्यायलय.

Views: 935

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 22, 2010 at 9:39am
सुन्दर लेख
Comment by alka tiwari on August 21, 2010 at 7:21pm
आंशिक सहमति के लिए आपकI अभार .ये सिर्फ़ एक विचार है.,
इसी के साथ यह भी सत्य है की दो लोगों के विचार किसी मुद्दे पर पर बिल्कुल एक जैसे नही हो सकते.
:अलका
Comment by alka tiwari on August 20, 2010 at 4:35pm
Sahyogi bhavana banaye rakhe,aap se nivedan hai.
Comment by Rash Bihari Ravi on August 20, 2010 at 3:56pm
आदरणीया अलका जी ,
आपने यहाँ जो कुछ भी दिया ,
हमने दिल से लिया ,
आपने दबे दबे ये कह दिया ,
हमारे नेताओ को जरुरत हैं ,
ज्ञान और पढ़ाई की ,
मगर आज ज्यादे नेता ,
बन्दुक की नोक पर आते हैं ,
और संसद में,
उपहास के पात्र बन जाते हैं ,
जो वक्ता अधिवक्ता हैं ,
हमेशा आगे रहते हैं ,
जय हो हिंद की ,
महान अधिब्क्ताओ की ,
Comment by Admin on August 20, 2010 at 1:24pm
आदरणीया अधि. अलका तिवारी जी, मेरे बताने से पहले ही आप ने अपने ब्लॉग को एडिट कर पूरे कंटेंट को समाहित कर लिया है, यही वो तरीका भी था जो मैं भी बताता, धन्यवाद,
Comment by alka tiwari on August 20, 2010 at 1:12pm
ganesh ji,
ye pura nahi hai ,maine phir se sent kiya hai ,pls.mujhe isaka tarika batayai,jisase ye pura padhane ko mile...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 20, 2010 at 10:13am
आदरणीया अलका जी, प्रणाम, बहुत ही रोचक विषय पर आपने अपना लेख दिया है, अधिवक्ता समाज के प्रवुद्ध वर्ग मे आते है, अन्याय के खिलाफ यदि पहला आवाज उठता है तो वो अधिवक्ता वर्ग के तरफ से ही उठता है, कारण भी है कि जिसे नियमो कि जानकारी होगी वही तो समझ सकता है कि न्याय क्या है और अन्याय क्या है, साथ मे अपनी बातो को सार्थक रूप से सार्थक जगह पर पहुचाने का तरिका भी अधिवक्ता वर्ग वाखुबी जानता है, बहुत बहुत धन्यवाद अलका जी इस अच्छी अभिव्यक्ति हेतु,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service