For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये जंग की घड़ी नहीं,
न देश ये गुलाम है ..
फिर क्यों हम आम जनता ,
इस देश में फटेहाल है?

हम उलझे है अपनी चिंताओ में ,
देश की हम सोचे भी क्या ??
हमे मार दिया महंगाई ने ,
भ्रष्टो का कर पायेंगे क्या??

बीता वर्ष घोटालो का था,
नए वर्ष में अब होगा क्या ?
आज हर और जब घोटाला है,
तो फिर कैसी ये व्यवस्था है..
कैसा ये जनतंत्र है,
जिसमे पीस रही जनता है??


हम सबने सुने है नेताओं के कुचर्चे,
पर किसी ने उनका अंजाम सूना??
जब होती है फर्क हम में,
फिर कैसा ये समानाधिकार है??


आज देश के वफादार ज़िंदा जलाए जा रहे,
लाचार किसान आत्महत्या है कर रहे,
फिर कैसे करे अभिमान हम,
की गणतंत्र में जी रहे??


कौंधता हर पल मेरे,
मन में कई सवाल है..
जब है कोई सुदृढ़ व्यव्स्था नहीं,
फिर क्यों बनी सरकार है??

हमारे इस सिस्टम की कुछ बातें बड़ी विशेस है,
जो बनना हो कर्मचारी आपको,
योग्यता आपकी तय है,
जो बनते है नेता हमारे,
क्यों उनका कुछ तय नहीं??

ये कैसी हमारी विडम्बना है,
जो पिटे कोई हम विडियो बनाते,
न्यूज़ बनाकर उसे दिखाते,
पर क्यों शोषित को नहीं बचाते???

होता आज जब चीर हरण है,
क्यों आता कोई कृष्ण नहीं?
दुह्शाशन आज भी कम है ,
पर हम सारे बने ध्रितराष्ट्र है क्यों???

वीरो की है ये धरती,
फिर क्यों आज चुप चाप खड़े है,
उठे जो मिलकर लड़ने को,
गद्दारों की औकात है क्या??

ये जंग की घड़ी नहीं,
न देश ये गुलाम है,
फिर क्यों इस देश की जनता,
आज फटेहाल है ??

 

For my poems, please visit:- sunnychaudhary.blogspot.com

Views: 346

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 28, 2011 at 2:20am

आभार मित्र .. . परस्पर सहयोग और सहकार से सब सधता जायेगा.

आपका होना आश्वस्त करता है.   धन्यवाद

Comment by सन्नी on September 28, 2011 at 1:29am

आपका बहुत बहुत धन्यवाद सौरभजी मेरी कविता को पढने के लिए साथ ही अपना सुझाव देने के लिए|

सन्नी

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 28, 2011 at 12:04am

 

मेहनत करते रहें, यथोचित संतुलन बन जायेगा.आपके प्रयास और प्रस्तुत प्रविष्टि हेतु पुनः धन्यवाद.

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
12 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
16 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
39 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
10 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service