For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होती है सुबह,ओर ढलती है मेरी शाम बस तेरा नाम ले लेकर
करने लगा शुरू मे आज कल हर काम बस तेरा नाम लेकर

कोई पीता है खुशी मे, किसी को गम, पीना सीखा देता यहाँ
मैने पीया है अपनी ज़िंदगी का हर जाम बस तेरा नाम लेकर

कोई करता है तीरथ यहाँ तो कोई जाता है मक्का ओर मदीना
हो गये पूरे इस जीवन के मेरे सारे धाम बस तेरा नाम लेकर

कोई भागता है दौलत के पीछे तो कोई शोहरत का दीवाना यहाँ
मुझे मिल जाती जहाँ की खुशियाँ तमाम बस तेरा नाम लेकर

किसी को जन्नत चाहिए यहाँ तो कोई गंगाजल की है आस लिए
मैं चाहूं मिले मेरी जिंदगी को हँसी अंजाम बस तेरा नाम लेकर

कल तक कौन जानता था मुझे दीवानो से भारी इस महफ़िल मे
आज हो गया है पल्लव का भी यहाँ नाम बस तेरा नाम लेकर

Views: 491

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pallav Pancholi on August 7, 2010 at 3:47pm
aap sabhi ki prashansa hetu bahut bahut dhanywaaad... in dino kuch kaamo me vyast hone ki wajah se reply na kar saka.......... khasma chahunga.... aap sabhi ka sneh or sahyog bana rahe
Comment by Kanchan Pandey on August 2, 2010 at 9:19pm
bahut badhiya pallav jee ,mainey aap ki rachna pahley bhi padhi hai, aap achha likhtey hai, aisey hi likhtey rahey ,achha kar rahey hai ,thx

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 1, 2010 at 9:06am
पल्लव जी आपके खयाल बेहतरीन है.
आप बहुत अच्छी गज़ले कह रहे है....
कुछ सुझाव है पसंद आये तो रखे अन्यथा उड़ा दे.
ग़ज़ल में कुछ प्रचलित बहरें होती है जिन पर शायर अपना कलाम कहते है
कुछ उसे गाते हुए कहते है तो कुछ केवल पढ़ते हुए.....गाने पर उसे तरन्नुम में कहा जाता है और पढ़ाने पर तहत में...तहत में ग़ज़ल को कहना ज्यादा प्रभावशाली होता है बशर्ते शायर की आवाज़ बुलंद हो. इसका कदापि यह अर्थ नहीं लगाना चाहिए की तहत में ग़ज़ल को कहने से वह बहर से मुक्त हो जाती है... तहत में कहने में भी एक गेयता होती है और उसे तरन्नुम में भी कहा जा सकता है.
ग़ज़ल को पेश करने से पहले उसे बहर की कसौटी पर बार बार कसे

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 31, 2010 at 1:24pm
कोई भागता है दौलत के पीछे तो कोई शोहरत का दीवाना यहाँ
मुझे मिल जाती जहाँ की खुशियाँ तमाम बस तेरा नाम लेकर
बढ़िया है पल्लव जी , बहुत दिन बाद आपकी रचना आई है पर सोलिड दिया है बहुत बढ़िया ,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service