माँ है तेरी प्रार्थना ,माँ ही बनी अजान
माँ ही तेरा है खुदा माँ तेरा भगवान |
गीता कुरान में मिले रामायण में वास
माँ की ममता से सदा बढ़ता है विश्वास |
माँ की पूजा तुम करो माँ है खुदा समान
मंदिर मस्जिद ढूंडता घर बैठा भगवान |
मंदिर मस्जिद माँ बनी माँ बनी गुरूद्वार
चढ़ता जो इस नाव पे उतरेगा वो पार |
माँ समझे तेरी ख़ुशी माँ ही समझे पीर
माँ के नैनों से बहे केवल ममता नीर |
बच्चे होते हैं सबल जो माँ का हो साथ
मिलता मनचाहा अगर सिर पर माँ का हाथ |
माँ मूरत भगवान की इसका सुंदर रूप
माँ है छाया पेड़ सी लगने ना दे धूप |
....................................................
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय जवाहर जी शुक्रिया
आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी हार्दिक आभार
बहुत ही सुन्दर दोहावली आदरणीया
आपने दूसरे दोहे के पहले चरण कुरान शब्द का इस्तेमाल किया है जिसका मात्रा क्रम है 121 इस तरह जगण बन रहा है जो दोहे के विषम चरणों में निषिद्ध है।
माँ मूरत भगवान की इसका सुंदर रूप
माँ है छाया पेड़ सी लगने ना दे धूप...... क्या खूब कहा आदरणीय सरिता बहन . हार्दिक बधाई .
आदरणीय जितेन्द्र भाई शुक्रिया
आदरणीय भाई शिज्जू जी मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया ,पर मैं आपका आशय समझ नहीं पाई कृपया बताएं कहाँ गलती हुई है
आदरणीय मीना जी हार्दिक आभार ..
आदरणीय कुंती दीदी शुक्रिया
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online