For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रथम दिन की संक्षिप्त रपट - लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

24 जानवरी 2013 जयपुर; आज से "जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल" प्रारंभ हो गया । इस साहित्यिक कुम्भ में देश विदेश से आये साहित्यकार, साहित्य सागर में डुबकी लगा रहे है । प्रथम दिन धर्म गुरु दलाई लामा और महाश्वेता देवी के नामं रहा ।
ओ बी ओ के सुधि पाठको के लिए कुछ अंश प्रस्तुत है ...
दलाई लामा - तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा जिनके शिष्यों की गिनती करना चीन,भारत और तिब्बत व अन्य देशों में शायद संभव नहीं, पर वे स्वयं को भारत का चेला बताते है । उनके अनुसार भारत की सांस्कृतिक विरासत अद्भुत है जहाँ कई संस्कृतियाँ एक साथ रह सकतीहै । भ्रष्टाचार पर बोलते हुए उन्होंने कहा की भारत आस्थावानों का देश है । यहाँ लोग अर्थ जाने बिना ही श्लोक पढ़ते है । कई भ्रष्ट यह प्रार्थना करते है कि हमारा भ्रष्टाचार चलता रहे । धर्म निरपेक्षता का अर्थ धर्म का अनादर करना नहीं होना चाहिए । इसका अर्थ सब धर्मों का आदर करना होता है । 
महाश्वेता देवी - जीवन और साहित्य में सपने की अहमियत पर जोर देते हुए लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार महाश्वेता देवी ने कहा कि सपने देखना पहला मौलिक हक होना चाहिए । हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि कोई भी बाहरी शक्ति किसी के सपनों में हस्तक्षेप न कर सके । वे ऑफ वुमन आउटकास्ट्स प्रजेंट्स एंड रेबेल्स" सेशन में बोल रही थी ।
जावेद अख्तर - गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि हर धर्म औरतों के खिलाफ है । यही वजह है कि समाज में महिलाओ को सही जगह और अधिकार नहीं मिलते । विडम्बना यह है कि महिलाए ही बच्चों को धर्म सिखाती है नारी को इज्जत दिलानी है तो उन्हें धर्म से दूर रखा जाए । इस सेशन में फहमीदा ने "आसमान तपते हुए लोहे की मानिंद" कविता के जरिये पाकिस्तान के ट्राइबल एरिया में आधुनिक नारी की स्थिति दर्शाते हुए कहाँ कि भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में महिलाओं की स्थिति एक जैसी ही है । तीनो जगह पुरुष प्रधान समाज का एक सा ही नजरियाँ है । मेंसुरेशन के समय स्त्री को नापाक समझने वाले लोगो की निन्दा उन्होंने "वे एक जाने नापाक है" कविता के जरिये की । 
प्रसिद्ध बंगला सुनील गंगोपद्याय,शशि थरूर, जमील अहमद आदि कई हस्तियाँ ने प्रथम दिन शिरकत की और अपने अपने अनुभव बांटे ।
                                                           ---------------------------------

Views: 346

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 26, 2013 at 3:06pm

नमस्कार आदरणीय बागीजी, जयपुर में रहते हुए ओ बी ओ के पाठको केलिए यह तो मेरा कर्तव्य था, जो कर पाया । दी 25.1.13 अर्थात दुसरे दिन की संक्षित रपट भी आप सब की सेवा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है । रपट पड़ने के लिए हार्दिक आभार


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 26, 2013 at 2:47pm

जयपुर साहित्य सम्मेलन पर रपट प्रस्तुत करने हेतु आभार आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद लडिवाला जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
3 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
3 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service