For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ में विशाल मेंला लगा था
छंद कवियों का तांता लगा था |

मैंने वहां ;दोहा;नाम से कविता दागी

प्राचार्य ने यह दोहा नहीं कह हटा दी |

मैंने फिर छन्-पकैयां लिख लगा दिए

गुरुवर ने नरम हो कुछ सुझाव दिए |

एक अलबेला कूद पड़े बोंले मानलो

सिष्य से प्राचार्य बना देंगे जानलो |

गुरुवर बोंले ये कर्म योगी का मंच है

यहाँ न कोई पञ्च और न सरपंच है |

मैंने भी सिष्य बन सीखने की ठान ली

'धरम' से 'अम्बर' तक की बात मानली |

एक दिन सक्रियता का प्रमाणपत्र आया

मेरा मन ख़ुशी से फूला नहीं समाया |

मैंने संकल्य लिया आचार्य नहीं बनना है

मुझे तो योग्य शिष्य बन सीखते रहना है |

योगीजी बोले अग्रज सीखने की उम्र नहीं होती

काव्य-रस में रमते गए, क्षुधा शांत नहीं होती |

सिखाने सिखाने का ओबीओ अनूठा मंच है,

यहाँ न कोई पञ्च है, न ही कोई सरपंच है |

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर

Views: 758

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2012 at 6:19pm

हार्दिक धन्यवाद आदरनीय रेखा जोशी जी |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2012 at 6:16pm

आदरनीय डॉ.प्राची सिंह जी, आपके अदगार, आपकी टिपण्णी मेरे में और जोश भर देती है |उत्साहित करने और रचना पसंद करने पर आपका हार्दिक आभार |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 5, 2012 at 3:20pm

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद लाडिवाला जी  बहुत सुन्दर मनोभाव अभिव्यक्ति इस अनूठे मंच ओबीओ के प्रति.. आपका यह सीखने सिखाने का सुन्दर सफ़र यूँ ही अनवरत चलता रहे यही शुभेच्छाएं है. सादर.

Comment by Rekha Joshi on September 5, 2012 at 12:26pm

सिखाने सिखाने का ओबीओ अनूठा मंच है, 
यहाँ न कोई पञ्च है, न ही कोई सरपंच है | ,ओ बी ओ को समर्पित खूबसूरत रचना ,बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2012 at 9:36am

धन्यवाद श्री वीनस कसरी जी 

Comment by वीनस केसरी on September 5, 2012 at 1:52am

१६ आने सच कहा ....

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 4, 2012 at 3:08pm
हार्दिक धन्यवाद फूल सिंह जी स्नेह बनाए रखे और इस मंच की 
उपयोगिता समझे 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 4, 2012 at 3:06pm
हार्दिक धन्यवाद मेरी भावनाओं को समझने के लिए भाई श्री अशोक कुमार रक्तालेजी 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 4, 2012 at 3:04pm

आपके कथानक ने मेरे उदगारो में पहिये लगा दिए |

मे २०११-१२ में जो सीख पाया, उसे गत ३ दिन से सोच कर 
इस शिक्षक दिवस पर सबके सामने दिल से/समर्पित भाव
से सबके सामने रखना चाह रहा था | आपका एवेम ओ बी 
ओ प्रबंधन टीम का हार्दिक आभार |
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 4, 2012 at 2:56pm

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय संदीप द्वेदी वाहिद कशिवासिजी, आपने मेरे विचारो की पुष्टि कर मन को और द्रदता प्रदान की है |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Loading… Loading feed

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
12 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service