For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Vandana's Blog (6)

दीप दान की थाती

नेह रचित इक बाती रखना

दीप दान की थाती रखना

 

जग के  अंकगणित में उलझे

कुछ सुलझे से कुछ अनसुलझे

गठबंधन कर संबंधों की

स्नेहिल परिमल पाती रखना

 

कुछ सहमी सी कुछ सकुचाई

जिनकी किस्मत थी धुंधलाई

मलिन बस्तियों के होठों पर

कलियाँ कुछ मुस्काती रखना

 

बंद खिडकियों को खुलवाकर

दहलीजों पर रंग सजाकर

जगमग बिजली की लड़ियों से

दीपमाल बतियाती रखना

 

मधुरिम मधुरिम अपनेपन…

Continue

Added by vandana on October 14, 2017 at 9:30pm — 8 Comments

तरही ग़ज़ल -वंदना

सभी विद्वजनों से इस्लाह के लिए -

वज्न 2122   /   2122   /   2122   /   212  (2121)

कोई तुझसा होगा भी क्या इस जहाँ में कारसाज

डर कबूतर को सिखाने रच दिए हैं तूने बाज

 

तीरगी के करते सौदे छुपछुपा जो रात - दिन

कर रहे हैं वो दिखावा ढूँढते फिरते सिराज

 

ज्यादती पाले की सह लें तो बिफर जाती है धूप

कर्ज पहले से ही सिर था और गिर पड़ती है गाज

   

जो ज़मीं से जुड़ के रहना मानते हैं फ़र्ज़-ए-जाँ

वो ही काँधे को झुकाए बन…

Continue

Added by vandana on February 1, 2014 at 7:30am — 25 Comments

तरही ग़ज़ल -वंदना

मंच पर सभी विद्वजनों से इस्लाह के लिए

२१२२  १२१२  २२१ 

पैरवी मेरी कर न पाई चोट                                                          

पास रहकर रही पराई चोट

फलसफे अनगिनत सिखा ही देगी

असल में करती रहनुमाई चोट

महके चन्दन पिसे भी सिल पर तो

रोता कब है कि मैनें खाई चोट

सब्र का ही तो मिला सिला हमको

सहते रहकर मिली सवाई चोट

तन्हा ढ़ोता है दर्द हर इंसां

क्यूँ तू रिश्ते बढ़ा न पाई  चोट…

Continue

Added by vandana on January 2, 2014 at 8:00am — 22 Comments

भागीरथ के देश में ( लघुकथा )

प्राचार्य जी के साथ विद्यालय से निकल के कुछ दूर चले ही थे कि मुखिया जी ने पुकार लिया | बैठक में काफी लोग चर्चामग्न थे | बढती बेरोजगारी और आतंकवाद के परस्पर सम्बन्धों  से लेकर शिक्षित लोगों के ग्राम पलायन तक अनेक मुद्दों पर सार्थक विचार गंगा बह रही थी |कुछ देर बाद जब अधिकांश लोग उठकर चले गए तो मुखिया जी ने प्राचार्य जी से कहा –

“वो रामदीन के नवीं कक्षा वाले छोरे को पूरक क्यों दे दी ?”…

Continue

Added by vandana on October 8, 2013 at 7:30am — 15 Comments

दोहे

पूर्वाग्रह तो छोडिये मिलिए स्व बिसराय

मुख धरे डली नून की मीठो स्वाद न पाय

अनुशासित होकर रहे पतंग उड़े अकास

भागी फिरे कुरंग सम डोर पिया के पास

सिकुड़े गलियारे सहन ऊँची मन दहलीज

गलती माली की रही  कैसे बोये बीज

कब तक परछाई चले पूछ न कितनी दूर

धूप चढ़े सिर बावरी छाया थक कर चूर 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Added by vandana on September 7, 2013 at 7:00am — 12 Comments

बाड़े

बहुत बरस पहले एक राजा था एक रात उसने एक सपना देखा कि सूरज भरी दोपहर में अपना सुनहरा पीला रंग छोड़ कर लाल हो रहा था एकदम सुर्ख लाल  |  राजा अनजाने भय से काँप उठा  सुबह उसने अपनी बिरादरी के लोगों से इस सपने का जिक्र किया पता लगा उन्होंने भी ऐसा ही सपना देखा है |  

मंत्रियों पंडितों से विचार विमर्श कर पाया कि यह किसी परिवर्तन का संकेत है |

 

ओह !तब तो जल्द ही कुछ सोचना होगा राजा  परेशान हो उठा  | सलाह मशविरा किया तो पता लगा राज्य में कुछ लोगों का जीवन स्तर सामान्य…

Continue

Added by vandana on August 27, 2013 at 7:30am — 10 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
5 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service