For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

AVINASH S BAGDE's Blog – August 2012 Archive (5)

कुण्डलियाँ छंद...

चलो बचायें देश!
******************

बुनियादें  मज़बूत  हों , सुदृढ़  रहे  मकान.

श्रीमन कभी न दीजिये , अफवाहों पर ध्यान.
अफवाहों पर ध्यान , तोड़ने की है साजिश.
अन्दर-बाहर दुश्मन , खड़ा है लेकर माचिस!!
कहता है अविनाश , ताड़कर गलत इरादें.
चलो बचायें देश , थाम लें फिर बुनियादें..........
--------------------------------------------------
अविनाश बागडे...

Added by AVINASH S BAGDE on August 17, 2012 at 12:15pm — 6 Comments

कटाक्ष...

जन्म सिद्ध अधिकार बनाम....स्वतंत्रता????
------------------------------------------------
१४ और  १५ अगस्त की आधी रात को दो देशों को फिरंगियों से आज़ादी नसीब हुई.
आखिर आज़ादी दिन के उजाले में नहीं मिली ...मिली तो रात की कालिमा के साये में सो वो कालिमा 
स्वतंत्रता के  इस अधिकार को ऐसा डस रही है कि बस !!! 
पाक कि आज़ादी बोले तो वो कभी अपनी कट्टर-पंथी छवि से मुक्त ही कहाँ हुआ है जो इत्मिनान से आज़ादी के बेर चखे..
ऊपर  से…
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on August 16, 2012 at 9:59am — 10 Comments

कटाक्ष.....

कुछ नए खेल ओलम्पिक के लिये........

-----------------------------------------

करोडो के देश में चंद लोग पदक पा कर देश का नम ऊँचा उठा रहें हैं....ये बात हजम नहीं हो रही है. उसमे से भी आधे वो लोग है जिन्हें किस्मत से भ्रूण-हत्या से निजात मिली और आज हम उनके गौरव के जुलूस में नारे लगा रहें हैं. हमारा दोगलापन भी हमारे-अपने तरह का ही है उसका कोई सानी नहीं......... हम विषय से भटक रहे हैं...सो ओलम्पिक में हमारे पदक जीतने लायक खेल ही शामिल नहीं किये जाते. पश्चिम देशों की मिलीभगत ने हॉकी तक को…

Continue

Added by AVINASH S BAGDE on August 11, 2012 at 1:30pm — 10 Comments

दो कुण्डलियाँ...सावन की.

हरी-हरी धरती भई.....

----------------------------------------
बदरा बरसे शान से, बिजुरी चमके जोर.
हरी - हरी धरती भई,जित देखूं उत ओर.
जित देखूं उत ओर,हुआ है दृश्य मनोहर.
दिखा  रहें  हैं  मेघ , देखिये अपने तेवर.
कहता है अविनाश,झेलिये उनका नखरा.
भीगो  उनके संग,बरसते जब तक बदरा.
-----------------------------------------
--------------------------------------------
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on August 7, 2012 at 2:00pm — 7 Comments

कटाक्ष...

कटाक्ष...

--------------
नारायण---नारायण-नारायण ...............!!!!!!!!!!!!
------------------------------------------------
हर सियासी नारद मुनि आजकल इसी उवाच क़े साथ एक-दूसरे क़े साथ मिल रहें है.क्या हाँथ वाले 
क्या घड़ीवाले,क्या कमलवाले और दो-पत्ती वाले.सारे ब्रांड क़े मुख पर एक ही आलाप...नारायण-नारायण.
अरे मै कोई महान धार्मिक कटाक्ष नही करने जा रहा हूँ.मै तो विश्व में हुई और देश में घटित उस अलौकिक घटना…
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on August 1, 2012 at 8:16pm — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service