For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Neeta Tayal's Blog – July 2020 Archive (7)

देशभक्ति

छोटी सी इस बात पर ,

हुजूर जरा गौर करें।

देश के लिए कुछ करना हो तो,

खुद से ही शुरुआत करें।।

ना सोचें कौन साथ देगा,

फर्ज अपना अदा करें।

देश के लिए,देश की खातिर,

खुद को ही अर्पण करें।।

हर जरूरतमंद के लिए ,

मसीहा बन खड़े रहें।

गर जरूरत आन पड़े तो,

जान भी कुरबां करें।।

देशभक्ति दिल में जगाकर,

खुद में परिवर्तन करें।

स्वदेशी को अपनाएं और

विदेशी का बहिष्कार…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 31, 2020 at 1:30pm — 2 Comments

मनालें तीज का त्यौहार गीत

चलो री सखियां,सावन आ गया,

अबकी फिर एक बार,

मनालें तीज का त्यौहार...

हरियाली प्रकृति के जैसे,

हरे कपड़े पहनें आज ,

काजल ,बिंदिया ,चूड़ी आदि से

करके सोलह श्रृंगार।

मनालें तीज...

गोरे- गोरे हाथों में,

अरे ,मेंहदी लगा लें आज।

मिल जुलकर सब झूला झुलें,

गावें गीत मल्हार।।

मनालें तीज...

बागों में जैसे नाचे मोर,

हम भी नाच लें आज।

सखी सहेलियों के संग मिलकर,

धूम मचा लें…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 21, 2020 at 4:30pm — No Comments

भाई बहिन का सतरंगी प्यार

इंद्रधनुष के रंगों जैसा ,

भाई बहन का प्यार।

भाई बहिन के रिश्ते के,

सात रंग आधार।।

बैंगनी जामुन के जैसे,

मीठा, कसैला इनका प्यार।

कभी झगड़ते ,कभी लुटाते,

बरबस एक दूजे पर प्यार।।

गहरे नीले स्याही के दाग़,

एक दूजे पर डाला करते।

बेवजह चिड़ाते एक दूजे को,

मन ही मन फिर पछताते।।

नीले नीले आसमान को,

बचपन में साथ निहारा करते।

कभी कभी तो रातों में बस,

आसमान में तारे गिनते।।।

हरे भरे घर - परिवार…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 18, 2020 at 4:34pm — 4 Comments

ससुराल और मायका

ससुराल और मायके के बीच ,

दो गलियां भी मीलों दूरी है।

एक शहर में ससुराल मायका,

फिर भी लंबी दूरी है।।

ससुराल से मायके जाने में,

इंतजार बहुत जरूरी है।

मायके जाने के लिए,

घरवालों की परमिशन भी जरूरी है।।

जब भी मां का फोन आए,

बार बार बस ये कहती है।

बहुत दिन हो गए अबकी,

तुझसे मिलने की इच्छा मेरी है।।

कैसे आ जाऊं मैं मम्मी,

बच्चों की पढ़ाई चल रही है।

घर के सारे कामों की,

जिम्मेदारी भी तो मेरी…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 18, 2020 at 4:32pm — 2 Comments

मन की सुंदरता बलवान

तन की सुंदरता तो प्यारे,

कुछ दिन की है मेहमान।

सुन्दर गोरी चमड़ी से ज्यादा,

मन की सुंदरता है बलवान।।

मन विकार मुक्त तुम रखकर,

त्यागो अपना अहं अज्ञान।

मृदुभाषी सौहाद्र व्यवहार से,

बना लो अपनी छवि महान।।

तन हो सुन्दर और मन हो मैला,

मेले में भी रह जाएगा अकेला।

जीवन हो जाएगा बोझिल,

खुशियां हो जाएंगी सब ओझिल।।

जब पंचतत्व में मिल जाएगा,

नश्वर शरीर तेरा नादान।

सद्व्यवहार सद्गुणों से तेरी,

ख्याति…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 17, 2020 at 7:00am — 3 Comments

रोटी

जीवित रहने के लिए जीव,

रहता है जिस पर निर्भर।

आटे से बनती है जो और

गोल गोल जिसकी सूरत।।

सही पहचाने नाम है उसका,

कहते हैं सब रोटी।

मम्मी के हाथों की रोटी,

बड़े स्वाद की होती।।

भूखे को मिल जाए जो रोटी,

तो त्रप्ति उसको होती।

आत्मनिर्भर बनने के लिए,

कमानी पड़ती है रोजी रोटी।।

भूल ना जाना तुम ये बात,

जब भी पकाओ तुम रोटी।

सबसे पहले गाय की रोटी,

और अंत में कुत्ते की रोटी।।

मानव की मूल…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 11, 2020 at 6:36am — 2 Comments

कोरोना और सावन

सखी री, जे कोरोना लै गयौ,

सावन की बहार।

ना उमंग के बादल घुमड़ें,

ना उत्साह की फुहार।।

अब के सावन ऐसे लागै,

बिन शक्कर की चाय।

ना बागों में झूले पड़ रहे,

ना सेल कौ परचम लहराऐ।।

तीज त्यौहार अबके सावन के,

सब फीके फीके लागैं।

सखी री, अब तोसे मिलने कूं,

जियौ मेरौ तरसो जावै।।

भाई बहन राखी त्यौहार अब,

पहले जैसौ कैसे मनावें?

हरियाली तीज पर सखियां अब,

गीत मल्हार भी कैसे गावें?

अपने कान्हा के दर्शन कूं,

मेरौ…

Continue

Added by Neeta Tayal on July 8, 2020 at 10:00am — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service