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Deepti sharma's Blog – July 2012 Archive (3)

हिसाब

हिसाब ना माँगा कभी 

अपने गम का उनसे 

पर हर बात का मेरी वो 

मुझसे हिसाब माँगते रहे ।

जिन्दगी की उलझनें थीं 

पता नही कम थी या ज्यादा 

लिखती रही मैं उन्हें और वो 

मुझसे किताब माँगते रहे ।

 

काश ऐसा होता जो कभी 

बीता लम्हा लौट के आता 

मैं उनकी चाहत और वो 

मुझसे मुलाकात माँगते रहे ।

 

कुछ सवाल अधूरे  रह गये 

जो मिल ना सके कभी 

मैंने आज भी ढूंढे और वो 

मुझसे जवाब माँगते…

Continue

Added by deepti sharma on July 22, 2012 at 7:39pm — 18 Comments

बरसात

रिमझिम बरस जाती हैं बूंदे
जब याद तुम्हारी आती है ।
बिन मौसम ही मेरे घर में
वो बरसात ले आती है ।
जब पड़ी मेह की बूंदे
मुस्कुराते उन फूलों पर
हर्षित फूलों पर वो बूंदे
तेरा चेहरा दिखाती है ।
नाता तो गहरा है
इन बूंदो का तुझसे
चाहे तेरी याद हो या
ये बरसात हो मुझे तो 
दोनों भिगो जाती हैं ।

- दीप्ति शर्मा

Added by deepti sharma on July 8, 2012 at 8:30pm — 31 Comments

प्राण प्रिये

वेदना संवेदना अपाटव कपट

को त्याग बढ़ चली हूँ मैं

हर तिमिर की आहटों का पथ

बदल अब ना रुकी हूँ मैं

साथ दो न प्राण लो अब

चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।



निश्चल हृदय की वेदना को

छुपते हुए क्यों ले चली मैं

प्राण ये चंचल अलौकिक

सोचते तुझको प्रतिदिन

आह विरह का त्यजन कर

चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।



अपरिमित अजेय का पल

मृदुल मन में ले चली मैं

तुम हो दीपक जलो प्रतिपल

प्रकाश गौरव  बन चलो अब

चलने दो मुझे ओ प्राण…

Continue

Added by deepti sharma on July 5, 2012 at 1:00am — 49 Comments

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