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Mohammed Arif's Blog – January 2018 Archive (4)

देशभक्ति मुक्तक

शत्रु दल को धूल चटाई वो मेरा हिन्दुस्तान है ,
आज़ादी की धुन बजाई वो मेरा हिन्दुस्तान है ,
बलिदानियों की गाता हरदम शौर्य गाथा ,
कर्म की बजी शहनाई वो मेरा हिन्दुस्तान है ।
*********

बलिदानी रंग से सजा मेरा हिन्दुस्तान है ,
हरा-गुलाबी , केसरिया मेरा हिन्दुस्तान है ,
मेरा तो जीना मरना सबकुछ इसके साथ है
खुशी-उल्लास में डूबा मेरा हिन्दुस्तान है ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Added by Mohammed Arif on January 25, 2018 at 3:53pm — 7 Comments

कविता- बसंत


हृदय की फुलवारी में
राग-बसंती छिड़ गया
अंग-प्रत्यंग प्रफुल्लित
आनंदित हो गया
चहुँदिश दिशा में
छा गया यौवन
लग गया बाग़ों में फिर से
सरसों , जूही , केतकी का मेला
चटखने लगी कमसिन कलियाँ
उन्हें भी प्रेम निमंत्रण मिलने लगा
मतवाले भँवरों का कारवाँ चला
देखो, कामदेव का जादू फिर चला ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Added by Mohammed Arif on January 21, 2018 at 10:06am — 19 Comments

कटाक्षिकाएँ



(1) राष्ट्रीय पर्व पर

मिला किसी को

पद्म भूषण , पद्म विभूषण

तो किसी को मिला पद्म श्री

लेकिन जो थे सच्चे हक़दार

नहीं मिला उन्हें यह सम्मान

क्योंकि उनकी नहीं थी कोई

राजनैतिक पहचान । 

 

(2) जिन बच्चों को माँ-बाप ने

चलना -फिरना , उठना-बैठना

आदि का सलीका सिखाया

उन्हीं बच्चों ने बड़ा होकर

बुढ़ापे में वृद्धाश्रम पहुँचाया ।

 

(3) दुर्घटना और बीमारियाँ

बहुत सस्ती हो गईं हैं

इसीलिए तो-

बीमा किश्त महँगी…

Continue

Added by Mohammed Arif on January 14, 2018 at 7:00am — 12 Comments

दोहे--नव वर्षाभिनंदन

ख़ुशियों से हो ये भरा,नया हमारा साल ।
मेल जोल सबसे बढ़े, बदले सबकी चाल ।।

घर आँगन में हो ख़ुशी,चले हास-परिहास ।
पीड़ाओं की आँधियाँ, फटकें कभी न पास ।।

साल नया ख़ुश हाल हो,सब हों माला माल ।
जीवन में दुख का कभी,आये नहीं सवाल ।।

नये साल में हम करें,कोई अच्छा काम ।
युग -युग तक जपते रहें,लोग हमारा नाम ।।

माँगूँ रब से ये दुआ,रहें सभी आबाद ।
बीते दिन कोई यहाँ, करे न'आरिफ़' याद ।।

मौलिक एवं अप्रकाशित ।।

Added by Mohammed Arif on January 1, 2018 at 12:27am — 25 Comments

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