For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Harihar Jha
Share on Facebook MySpace

Harihar Jha's Groups

 

Harihar Jha's Page

Latest Activity

Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"धन्यवाद आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी । जैसा कि ऊपर लिखा है  मच्छर काटने से पहले और खून पीते समय सलिवा छोड़ते हैं - हमारे शरीर में।  इस घृणित कृत्य के लिये मुझे यह शब्द याद आया। पर मैं पुनर्विचार करूँगा। आपको धन्यवाद।"
May 11, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"आदरणीय बबिता जी! धन्यवाद!"
May 11, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"बहुत बहुत धन्यवाद आ. सुरेन्द्र नाथ सिंह ’कुशक्षत्रप’ जी! ।  ’सत्य की लड़ाई के लिये’ : मात्राओं का बंधन होने से ’सच’ में सिकोड़ना पड़ा। मच्छर काटने से पहले और खून पीते समय सलिवा छोड़ते हैं - हमारे शरीर…"
May 11, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"बहुत बहुत धन्यवाद, आ. सत्यनारायण सिंग जी!"
May 11, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"बहुत बहुत धन्यवाद आ. कनक हरलल्का जी! "
May 10, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"आदरणीय  आसिफ़ जैदी जी! बहुत बहुत धन्यवाद!"
May 10, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"अभिवादन डॉ छोटेलाल सिंह जी! बहुत बहुत धन्यवाद!"
May 10, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-103
"सच के लिये जिसको लगे ना डर  (संघर्ष) झकझोरते टकराव को क्या कहें   सच के लिये   जिसको लगे ना डर।            मासूमों को बाँध कर खून की होली जो खेलें   क्या है चक्कर?    ज़ख्मी…"
May 10, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-102
"बहुत बहुत धन्यवाद! आदरणीय तस्दीक अहमद खान जी! और आशा करता हूँ आपका नाम देवनागरी में सही रूप में लिखा है।"
Apr 12, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-102
"आदरणीय नादिर खान जी! बहुत बहुत धन्यवाद!"
Apr 12, 2019
Harihar Jha replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-102
"वादे रहे सदा झूठे वादे रहे सदा झूठे उमेठो क्या कान! तोबा   लम्बे चले भाषण  बड़े पब्लिक सेवा के नाते फिल्मी  भोंडापन  चलता लाउडस्पीकर  चिल्लाते   कान के पर्दे फटेंगे कर्कश स्वर गान तोबा   दो मत मुझे, खैरात लो…"
Apr 12, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Melbourne
Native Place
Banswara
Profession
Ret.

Harihar Jha's Blog

अच्छे दिन थे

चंदा से गपियाने के दिन

कहाँ कठिन थे

राजनीतिको छोड़ो     

कैसे अच्छे दिन थे।

 

टीलों पर,

रथ ले अपना 

भाग निकलते थे,

अब विमान में डर है 

नौ ग्यारह फिर आये; 

घसीटते जीवन को,

बोर हुई यात्रायें,

जेटलेग के मारे 

नींद रुष्ट हो जाये;

 

इंटरनेट बिना भी 

न थी झंझट कहीं भी 

सभी खुले में होते 

जश्न,  कहाँ केबिन…

Continue

Posted on September 21, 2018 at 1:30pm — 8 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
5 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service