For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Deepak Kumar
  • Male
  • Patna, Bihar
  • India
Share on Facebook MySpace

Deepak Kumar's Friends

  • Deepak Sharma Kuluvi
  • PREETAM TIWARY(PREET)
 

Deepak Kumar's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Patna (Bihar)
Native Place
Nalanda
Profession
Computer Operator in R.C.D.

Deepak Kumar's Blog

प्राकृतिक छटाः-

सुरज निकला है पुरब की ओर,

बिखरी है रोशनी चारो ओर।

आसमान के चाँद-तारे छिप गये,

जमीन के सारे नजारे दिख गये।।



मुर्गे ने बांग सबको सुना दिया,

हो गया सवेरा सबको बता दिया।

लोगों ने अपना बसेरा छोड़ दिया,

लगे काम पर कह सेबेरा हो गया।।



चिड़ियों ने गाना शुरू किया,

मिठे स्वर को फैलाना शुरू किया।

निकली चिड़ियाँ खुले आसमान में,

लग गयी भोजन की तलाश में।।



फुलों ने अपना खोला बदन,

लगीं फैलाने मनोहर पवन।

खुशबु ने इसके किया है… Continue

Posted on September 30, 2010 at 10:30am — 1 Comment

गरीब की सोचः-

सोचता है एक गरीब,
मैं कैसे अमीर बन पाउँगा।

इन गरीबों के दिनों को,
मैं कैसे भगाउँगा।।

कट जाता है समय,
दो शाम की रोटी जुटाने में।

फिर भी भरता नहीं पेट,
इस महगाई भरे जमाने में।।

रोते हैं बीबी और बच्चे,
जब मैं शाम को घर जाता हूँ।

कोशते हैं इस गरीबी को,
फिर भी मैं इसे नहीं भगा पाता हूँ।।

सोचता है एक गरीब,
मै कैसे अमीर बन पाउँगा।

इन गरीबों के दिनों को,
मैं कैसे भगाउँगा।।

Posted on September 24, 2010 at 11:19am — 1 Comment

ऐ माँ.....

ऐ माँ मत मार मुझे,

मैं दुनियां में आना चाहती हूँ।



ऐ माँ मैं इस संसार में जन्म लेकर,

जीवन चक्र बढ़ाना चाहती हूँ।।



ऐ माँ मैं बड़ी होकर,

डॉक्टर, इन्जीनियर बनना चाहती हूँ।



ऐ माँ मैं किसी से शादी कर-कर,

उसका वंश बढ़ाना चाहती हूँ।।



ऐ माँ मत समझ बोझ मुझे,

मैं तेरा भी बोझ उठाउँगी।



ऐ माँ मैं तेरे बुढ़ापे को,

बेटे से ज्यादा सवारूँगी।।



ऐ माँ तुमने ये कैसे सोच लिया,

तुम भी तो किसी की बेटी हो।



ऐ माँ… Continue

Posted on September 24, 2010 at 11:00am — 1 Comment

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:57am on August 20, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 12:50pm on August 20, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 8:47pm on September 15, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 6:25pm on September 9, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:37pm on September 9, 2010, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
8 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
13 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
20 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
yesterday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service