For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Basant Shrestha
  • Male
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions
  • Events
  • Groups (1)
  • Photos (9)
  • Photo Albums
  • Videos

Basant Shrestha's Friends

  • Ananda Shresta

Basant Shrestha's Groups

 

Basant Shrestha's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Kathmandu
Native Place
kathmandu
Profession
Business

कविता

गरिवी

 

अभावको कसौडी बसाली

अनुभवको प्रमाण-पत्र जलाई

भित्री हड्डीको ढुङ्ग्रोले फुssफुss गर्दै   

धेरै बेर उसले आकाक्षाको ढुंगा पकायो ।

पाक्छ किन नपाक्ने भन्दै आफ्नै मन बुझायो ।।

 

गल्न त दाल पनि गल्छ

गल्न त मन पनि गल्छ

 

भरिएर गरिवीको आहत सहे पछि

 

जल्न त मन पनि जल्छ

जल्न त तन पनि जल्छ

 

 

उस्ले पनि भोगाइको राप बनाएकै हो ।

व्यथाको भुङ्गोमा आफैलाई डुवाएकै हो ।

 

 

डकनी उघार्यो

दु:खमा उम्लिएको पानी नियाल्यो ।

सन्टुष्ठीको एक घुटको थुक निल्यो ।।

 

बिचरा !

ऊ संगै थुक बाहेक निल्न लायक केही थिएँन ।

 

भरोसाको सानो बार लगायो

आशाको अगुल्टोलाई ठोस् ठास गर्‍यो  

पीडा रुपी  धुवाको गुम्वजमा ढुंगा पाक्ने सपना फूल्न थाल्यो ।

प्रतिक्षाको एक सरो आवरण फेरि मनभित्र ढाक्न उद्धेलित भयो ।

 

 

पाक्न त चामल पनि पाक्छ ।

पाक्न त हृदय पनि पाक्छ ।। 

 

रातले उषाको किरण भेट्दासम्म न गले पछि

 

थाक्न त भरोसा पनि थाक्छ ।

थाक्न त आशा पनि थाक्छ ।।         

 

ओदानलाई कुनोतिर मिल्कायो ।

तातो नपाकेको गरिवीको ढुंगालाई पटुकीमा बेर्यो ।

 

कठै !

उसले त्यहि तातोपनलाई पेटमा सेकाएर रातभर /दिनभर निदायो ।।    

 

बसन्त कुमार श्रेष्ठ 'क्षितिज'

मिति:०६८-०३-२०    

 

 

Basant Shrestha's Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service