For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य Discussions (247)

← Back to भोजपुरी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

दस्तक (bhojpuri)

हमारा दरवाजा पर दस्तक भइल , हम अंदरे से पूछनी , राउआ के बानी , उत्तर मिलाल , सुख संब्रिधि , झट से दरवाजा खोलानी , अन्दर आई उनकर से बोलानी ,…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Nov 4, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

अजोर क अगोर (अलका तिवारी)

फुटली किरिनियाँ न उगली अजोरिया, कि अबहीं झोपडिया अन्हार हो , कुकरों न भात पूछे बाबू के दुवरवा . वहीँ मरी जायीं भूखे अपने अंगनवा, हम औ ह…

Started by Admin

0 Nov 4, 2010

कवन कारन से दुखी हम ,

कवन कारन से दुखी हम , समझ ना पईनी का बाटे गम , कवन कारन से दुखी हम , जे चाहनी उहे हम पवनी , अपना अगुंली पे जग नचावानी , आगे पीछे हमारा सब ल…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Oct 29, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

मौत एगो सत्य ,

मौत एगो सत्य , जवन सवीकार नइखे , आई निश्चित बा , बाकिर बुझात नइखे , मौत एगो सत्य , जवन सवीकार नइखे , बचपन खेल कूद में , जवानी बीतल मस्ती मे…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Oct 28, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

भोजपुरीया अब गुरु रहिआन ,

भोजपुरीया अब गुरु रहिआन , आउर कही इ लिखिहन ना , हरदम सजग रहिआन , दू पार्ट में अब पिसाये से बचिहन , आपन भाषा आपन बोली , हम सबका के समझाइब ,…

Started by Rash Bihari Ravi

0 Oct 21, 2010

मेहमान देव के स्वरुप होले ,

सुनले रहनी हम , मेहमान देव के स्वरुप होले , आवस ता उनके बईठाइ , खुबे बढ़िया जेवाई , इ सब कईला से प्रभु खुश होले , मेहमान देव के स्वरुप होले…

Started by Rash Bihari Ravi

0 Oct 21, 2010

आउर उ रूस गईले ,

आउर उ रूस गईले , संभावना हमेशा से बनल रहे , काहे की दिल बड़ा कमजोर होला , हल्का सा कडक बर्दास्त न करेला , मजाक में कहल गइल छोट बात , भी गड़…

Started by Rash Bihari Ravi

0 Oct 20, 2010

पढ़ा के काम हम अच्छा कईनी ,

पालपोस के बड़का कईनी , हम इ गजब का कर देहनी , दहेज ज्वाला में जलत बनी , जनमते कहे ना मुआ देहनी , सोचनी बेटी आउर बेटा में , अब कवनो अंतर नइख…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Oct 15, 2010
Reply by आशीष यादव

गुरु जी के मान बतिया जीवन बदल जाई,

गुरु जी के मान बतिया जीवन बदल जाई, आज नाही बाबु दू चार साल बादे बुझाई , खायल रोज गुटका तुहू बाबु मन लगाइके , साझ ले तिस चालीस रूपया बिलवाइ…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Oct 12, 2010
Reply by Rajesh Kumar Singh

माता पूजे सांवरी सजनिया ( नवरात पर)

माता पूजे सांवरी सजनिया ( नवरात पर) रुन्नू झुन्नू बाजे पैजनिया - माता पूजे सांवरी सजनिया. रहिला ( चना ) के दाल भरल पुड़िया पकवली. गु ड़ के…

Started by satish mapatpuri

2 Oct 11, 2010
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
10 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service