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Alok Rawat's Discussions (9)

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"आदरणीय गोपाल दादा, आपका हर प्रतिवेदन अपने आप में अद्वितीय होता है | वास्तव में हर कव…"

Alok Rawat replied Jan 13, 2021 to साहित्य-संध्या ओबीओ लखनऊ-चैप्टर माह दिसंबर 2020–एक प्रतिवेदन   ::   डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

2 Jan 13, 2021
Reply by Alok Rawat

"वाक़ई, ओबीओ लखनऊ चैप्टर की माह मई 2020 की मासिक गोष्ठी बहुत ही शानदार ढंग से सम्पन्न…"

Alok Rawat replied Jul 4, 2020 to ओबीओ लखनऊ-चैप्टर की साहित्य-संध्या माह मई 2020–एक प्रतिवेदन ::  डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

1 Jul 4, 2020
Reply by Alok Rawat

"बहुत ही सारगर्भित जानकारी उमर खय्याम और उनकी रचना के विषय में। विभिन्न साहित्य कारों…"

Alok Rawat replied Feb 2, 2019 to मामूर हुयी उमर खैय्याम के प्रभाव से हिन्दी काव्यानुवाद की परंपरा     ////  डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव

2 Feb 3, 2019
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

"मेरी चाचीजी का निधन हो जाने के कारण मैं इस बार गोष्ठी में भाग नहीं ले सका और इतनी अह…"

Alok Rawat replied Feb 2, 2019 to लेखन में आत्ममुग्धता की बढ़ती प्रवृत्ति और उसके खतरे-एक परिचर्चा /// प्रस्तुति – डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव

6 Feb 9, 2019
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

"आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तवजी, आपका "चंदायन" और "पद्मावत" से सम्बंधित तुलनात्मक आ…"

Alok Rawat replied Jan 7, 2019 to मुल्ला दाउद  के ‘चंदायन’ से मुतासिर रहे है जायसी -डॉ, गोपाल नारायन श्रीवास्तव

4 Jan 8, 2019
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

"आदरणीय डॉक्टर साहेब इस बात में कोई शक नहीं की आपकी लेखनी बहुत सशक्त है एवं आप  हर बा…"

Alok Rawat replied Oct 30, 2017 to ओबीओ, लखनऊ-चैप्टर की साहित्य-संध्या माह अक्टूबर ,2017 – एक प्रतिवेदन -डॉ0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव

2 Oct 30, 2017
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

"मेरे सोज़े निहाँ को जानता है देखना था कोई कितना मुझे पहचानता है देखना था मैं अपने ग़म…"

Alok Rawat replied Jun 9, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-80

257 Jun 10, 2017
Reply by Tasdiq Ahmed Khan

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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
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"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
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दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
18 hours ago
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लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
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"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
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Sushil Sarna posted a blog post

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