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vijay nikore's Discussions (581)

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" सरहाना से इस रचना को मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय सुशील जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय भाई तस्दीक जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"सराहना के लिए हार्दिक आभार और अपनी रचना की पंक्तियाँ साझी करने के लिए धन्यवाद... अच…"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई शेख़ जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" आपसे सराहना मिलना बहुत मान्य रखता है, आदरणीय मिथिलेश जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" आपसे ऐसी सराहना पाकर मैं भाग्यवान हूँ, आदरणीय भाई समर जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"सराहना के लिए और संकेत के लिए आपका धन्यवाद, आदरणीय योगराज जी।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" सराहना के लिए हार्दिक आभार, आदरणीय अखिलेश भाई।"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" ऐसी प्रशंसा के लिए हृदयतल से आभार, आदरणीय गोपाल भाई"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"//बिखरते तिनकों की छत में बारिश रुक नहीं पाती और पैबंदों में कभी गरीबी छुप नहीं पाती…"

vijay nikore replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

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