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मिथिलेश वामनकर's Discussions (7,317)

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प्रधान संपादक

"ओबीओ पर इन आयोजनों का उद्देश्य केवल वाह-वाही कर किनारा कर लेना नहीं है, बल्कि एक वर्…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to "ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-१५ का लेखा जोखा

8 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"जब वक्त आ गया तो इरादे बदल गए, बातें तो हमसे करते थे दुनिया - जहान की  उड़ने लगे तो…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-१४ में शामिल सभी ग़ज़लें

94 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"बेहतरीन शायरों की बेहतरीन ग़ज़लों का बेहतरीन संकलन "

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to ओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक-१३ में शामिल ग़ज़लें

24 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"संकलन,  मुशायरे किन किन राहों से गुजरे है बता रहा है..... दोनों जानिब से ही इस आग न…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-१२ में सम्मिलित सभी ग़ज़लें

24 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"बेहतरीन संकलन  बड़ा कम्बख़्त है, लोगो, न उसकी चाल में आनालड़ाएगा वही फिर, जिसने समझ…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ११ में सम्मिलित सभी ग़ज़लें एक ही जगह

17 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"हा हा हा ये कमाल का संकलन है  "

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ में शामिल सभी रचनाएँ एक साथ

9 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"मुझे मंच पर आने में विलम्ब हो गया "

मिथिलेश वामनकर replied Apr 25, 2015 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ (रपट)

30 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मनोज भाई जी आपको ग़ज़ल पसंद आई, मन तक पहुंची, मेरा लिखना सार्थक हुआ. आपकी आत्मी…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय केवल प्रसाद जी सराहना के लिए बहुत बहुत आभार  हार्दिक धन्यवाद, सादर."

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय केवल प्रसाद जी इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई  इन मिसरों को देख लीजि…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

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"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
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"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
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"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
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"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
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