For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Tasdiq Ahmed Khan's Discussions (5,166)

Discussions Replied To (4334) Replies Latest Activity

"जनाब समर कबीर साहब ,ग़ज़ल पसंद आई ,शुक्रिया......1 अर का मतलब है अगर .....2 छर का मत…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"भाई गंगाधर जी होसला बढ़ाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जनाब शेख शहज़ाद साहब,होसला अफज़ाइ का बहुत बहुत शुक्रिया..."

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"mithlesh ji ,     achhi gazal ki  ....shubh kaamnayen..."

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"Raviji aap ka bahut bahut shukriya"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"manoj ji aap ka bahut bahut shukriya..."

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"Rajeshji ,behtar gazal ke liye mubaarakbadi,   ....sher no 5 main is baher main khan…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"giri raj ji  ,sundar gazal ke liye.....mubaarak bad qubool farmayen"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"Giri raj sahab ,....aap ka bahut bahut shukriya..."

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"Rajesh ji bahut bahut shukriya,  ....hindi main pehli bar type kiya hai ......is liy…"

Tasdiq Ahmed Khan replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
14 hours ago
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service